अगर आपने अभी तक मैसूर महल नहीं देखा है, तो आप फौरन यहां का टूर बना लीजिए. मैसूर महल को देखने के लिए देश और विदेश से टूरिस्ट आते हैं. इसकी भव्यता टूरिस्टों को मंत्रमुग्ध कर देती है. यहां का शाही बागीचा टूरिस्टों का दिल जीत लेता है. वैसे तो मैसूर में टूरिस्टों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं, लेकिन मैसूर महल की बात ही कुछ और है. कर्नाटक के मैसूर में स्थित मैसूर महल देश की शानदार संरचनाओं में से एक है. इस महल को अंबा विलास भी कहा जाता है. आइए मैसूर महल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मैसूर महल का निर्माण 14वीं सदी में वाडयार राजाओं ने करवाया था, जबकि इसका डिजाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी इरविन ने तैयार किया था. यह वाडियार महाराजाओं का निवास स्थान हुआ करता था. मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन कला का अद्भुत संगम है. यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है. देश के कोने-कोने से टूरिस्ट इसे देखने के लिए आते हैं. यह टूरिस्टों के लिए रोज खुला रहता है. यहां घूमने का वक्त सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक है. वहीं इसके इल्यूमिनेशन (जगमगाहट) का टाइम शाम 7 बजे से 7:45 तक है. मैसूर पैलेस की लाइटिंग और इल्यूमिनेशन देखने के लिए कोई चार्ज या टिकट नहीं लगता. मैसूर पैलेस में 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त एंट्री है. पैलेस के लिए एंट्री वराहा गेट से होती है.
मैसूर पैलेस का लाइट ऐंड साउंड शो सिर्फ सोमवार से शनिवार होता है. इसका समय शाम 7 बजे से 7:40 बजे है. रविवार और सरकारी छुट्टी वाले दिन मैसूर पैलेस बंद रहता है. यहां की एंट्री फीस की जानकारी आपके इसकी आधिकारिक वेबसाइट के जरिए ले सकते हैं. विदेशी टूरिस्टों का टिकट यहां घूमने के लिए भारतीयों से ज्यादा है.