हम बस जिंदा रहने की कोशिश कर रहे, हमें यहां से निकालो, ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की रिक्वेस्ट

हम यहां डॉक्टर बनने आए थे, लेकिन ईरान और इजराइल के हमलों में अब जिंदा रहने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे तैसे जिंदा रह जाएं जो गनीमत है। इंटरनेट धीमा है। एक व्हाटसएप मैसेज भी नहीं जा रहा है। भारत सरकार हमें यहां से निकाले। यह गुहार लगाई है ईरान में पढाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट ने।
बता दें कि इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी में सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से घर के अंदर रहने और आधिकारिक चैनलों की निगरानी करते रहने को कहा है।
दूसरी तरफ ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने केंद्र सरकार से सुरक्षित घर वापसी की गुहार लगाई है। देश भर में इस्राइली हमलों की वजह से ईरान में फंसे सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्रों का कहना है कि तीन तीन दिनों से हम सोए नहीं हैं। दरअसल, छात्र छात्रावासों और अपार्टमेंटों से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही विस्फोटों की सूचना मिलने के साथ ही लोगों में डर बढ़ता जा रहा है। भारतीय अपनी सरकार से अपील कर रहे हैं कि बहुत देर होने से पहले उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
तेहरान में भी यही हालात हैं। शहीद बेहेश्टी विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के 350 से अधिक भारतीय छात्र हैं। कई छात्र अपार्टमेंट के बेसमेंट में फंसे हुए हैं। रातभर हो रहे धमाकों से दहशत में हैं। बमबारी के कारण विश्वविद्यालय ने कक्षाएं स्थगित कर दी हैं। छात्र बाहर निकलने से बच रहे हैं। छात्र भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि स्थिति बिगड़ने से पहले हमें निकाल लिया जाए। दूतावास ने हेल्पलाइन साझा की हैं और संपर्क में है।
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी : इस बीच तेहरान में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी में सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से घर के अंदर रहने और आधिकारिक चैनलों की निगरानी करते रहने को कहा है। एडवाइजरी में कहा गया, 'हम ईरान में सभी से अपील करते हैं कि दूतावास से स्थिति पर अपडेट प्राप्त करने के लिए हमारे टेलीग्राम लिंक से जुड़ें। कृपया ध्यान दें कि यह टेलीग्राम लिंक केवल उन भारतीय नागरिकों के लिए है, जो वर्तमान में ईरान में हैं। दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन भी जारी की हैं।
Edited By: Navin Rangiyal