बॉलीवुड अभिनेत्री फातिमा सना शेख इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘मेट्रो... इन दिनों’ की रिलीज़ को लेकर खासा उत्साहित हैं। अनुराग बसु के निर्देशन में बनी यह फिल्म 4 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। लेकिन इस फिल्म से भी ज्यादा दिलचस्प है वह भावनात्मक यात्रा, जो फातिमा ने इस फिल्म के निर्माण के दौरान अनुभव की — एक यात्रा, जो उन्हें ‘लूडो’ से होते हुए आत्मविश्वास की गहराई तक ले गई।
अनुराग बसु के साथ दूसरी बार
फातिमा पहले भी निर्देशक अनुराग बसु के साथ ‘लूडो’ (2020) में काम कर चुकी हैं। वह फिल्म कोविड महामारी के कठिन दौर में ओटीटी पर रिलीज हुई थी। उस समय एक नवोदित अभिनेत्री के तौर पर फातिमा अपने अभिनय को लेकर आशंकित थीं। हाल ही में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘लूडो’ की शूटिंग के दौरान वह बेहद असुरक्षित महसूस कर रही थीं, लेकिन निर्देशक अनुराग बसु के साथ अनुभव ने उनके सोचने और काम करने के तरीके को बदल दिया।
“अनुराग बसु ने मुझसे कहा, अपने आप पर शक करना बंद करो”
फातिमा ने बताया, “जब आप अनुराग सर के सेट पर होते हो, तो आप एक अलग ही ऊर्जा में बहने लगते हो। आप ज्यादा सोचते नहीं, अपने अभिनय को महसूस करते हो। यही मैंने किया। ‘लूडो’ के समय मैं बहुत घबराई हुई थी, लेकिन सेट पर पहुंचने के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया।”
उन्होंने यह भी साझा किया कि अनुराग बसु ने उनसे कहा था, “अपने आप पर शक करना बंद करो। जो तुम कर रही हो, वह सही है।” फातिमा के अनुसार, इन शब्दों का उनके ऊपर गहरा असर हुआ। उन्होंने कहा, “कई बार एक कलाकार को बस इतना ही सुनने की जरूरत होती है, खासकर तब जब वह खुद को लेकर आश्वस्त नहीं होता।”
आत्मविश्वास की ओर एक बड़ा कदम
फातिमा मानती हैं कि ‘लूडो’ के बाद से वह एक परिपक्व कलाकार बन चुकी हैं। उन्होंने कहा, “इस बार, यानी ‘मेट्रो... इन दिनों’ के दौरान, मुझे अपने अभिनय पर थोड़ा ज़्यादा नियंत्रण महसूस हुआ। पहले भी मैंने पूरी लगन से काम किया, लेकिन अब मैं अपने प्रदर्शन के हर पहलू को ज्यादा समझती हूं।”
वह कहती हैं कि यह बदलाव किसी एक फिल्म का परिणाम नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें निर्देशक, सह-कलाकार और सेट का माहौल मिलकर एक अभिनेता के आत्मविश्वास को गढ़ते हैं।
अनुराग बसु का अनोखा निर्देशन अंदाज़
अनुराग बसु को इंडस्ट्री में उनके सहज, लीक से हटकर और इमोशनल स्टोरीटेलिंग के लिए जाना जाता है। फातिमा बताती हैं कि अनुराग बसु किसी भी कलाकार को खुद को एक्सप्लोर करने की पूरी आज़ादी देते हैं। “वह आपको फ्रेम या शब्दों में नहीं बांधते। उनके साथ काम करना अभिनय के उस आनंद को महसूस करने जैसा है, जो बहुत कम सेट्स पर मिल पाता है।”
‘मेट्रो... इन दिनों’: आधुनिक रिश्तों की पड़ताल
‘मेट्रो... इन दिनों’ एक एंथोलॉजी फिल्म है, जो आधुनिक समाज में रिश्तों की उलझनों, दूरी, और जुड़ाव की बदलती परिभाषा को प्रस्तुत करती है। यह फिल्म अनुराग बसु प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्देशित और गुलशन कुमार व टी-सीरीज़ द्वारा प्रस्तुत की जा रही है। निर्माता भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अनुराग बसु और तानी बसु हैं।
फातिमा के अलावा फिल्म में आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, पंकज त्रिपाठी, नीना गुप्ता, अली फजल, कोंकणा सेन शर्मा जैसे प्रतिभाशाली कलाकार भी नज़र आएंगे।
अभिनय का नया अध्याय
फातिमा मानती हैं कि कलाकार का आत्मविश्वास बाहरी मान्यता से नहीं, अंदरूनी विश्वास से आता है। “पहले मैं सोचती थी कि अच्छा अभिनय वो होता है जिसे दर्शक पसंद करें, अब समझती हूं कि अच्छा अभिनय वो होता है जो खुद को संतुष्ट करे,” उन्होंने कहा।
फातिमा का यह भावनात्मक और प्रगति से भरा हुआ सफर न केवल उनके लिए प्रेरणादायक है, बल्कि उन तमाम कलाकारों के लिए भी जो शुरुआती दौर में आत्म-संदेह से जूझते हैं। अनुराग बसु जैसे निर्देशकों के मार्गदर्शन में ऐसे कलाकार खुद को एक नई रोशनी में देख पाते हैं।
फातिमा सना शेख का अभिनय सफर उनके आत्मविश्वास और सीखने की जिजीविषा की मिसाल बनता जा रहा है। ‘मेट्रो... इन दिनों’ उनके करियर में एक और महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकती है। यह फिल्म सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, फातिमा की आंतरिक यात्रा का प्रतीक भी है — एक ऐसी यात्रा, जिसमें एक असुरक्षित कलाकार ने आत्म-विश्वास की रोशनी पाई।