ईरान-इजरायल संघर्ष: मिसाइल हमलों के बाद बढ़ी तनाव की स्थिति
newzfatafat June 16, 2025 09:42 PM
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता संघर्ष

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है। रविवार रात को ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमलों में 5 लोगों की जान चली गई और लगभग 100 लोग घायल हुए हैं। इन हमलों ने कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, तेल अवीव में स्थित अमेरिकी कौंसुलेट भी इन हमलों की चपेट में आया, लेकिन अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने बताया कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। इजरायल ने इस हमले के बाद ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि इसके परिणाम तेहरान के नागरिकों को भुगतने होंगे।


ईरान की मिसाइल बौछार

रविवार की रात ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बौछार की, जिससे तेल अवीव और अन्य शहरों में दहशत फैल गई। इस हमले में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और 5 नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है। अमेरिका के कौंसुलेट पर भी मिसाइल गिरी, जिससे मामूली नुकसान हुआ। राजदूत माइक हकाबी ने कहा कि कौंसुलेट को हल्का नुकसान हुआ है, लेकिन सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।


इजरायल की कड़ी प्रतिक्रिया

ईरानी हमलों के जवाब में इजरायल ने पलटवार की तैयारी कर ली है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कार्ट्ज ने कहा कि ईरान ने हमारे नागरिकों को निशाना बनाया है, और अब तेहरान को इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि ईरान के तानाशाह ने युद्ध से नहीं, बल्कि नागरिकों को मारकर अपनी कमजोरी दिखाई है। अब हम उसी भाषा में जवाब देंगे।


तेहरान में अफरातफरी

इजरायल की धमकी के बाद तेहरान में भारी दहशत का माहौल है। पेट्रोल पंपों और गैस स्टेशनों पर लंबी कतारें लग गई हैं, और लोग अपने सामान को गाड़ियों में भरकर दूर-दराज के इलाकों की ओर भाग रहे हैं। शहर की सड़कों पर भारी जाम की स्थिति है। स्थानीय लोगों को डर है कि अगली रात जानलेवा हो सकती है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, इजरायली हमलों में 224 ईरानी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि ईरान के जवाबी हमलों में 14 इजरायली नागरिकों की मौत और लगभग 400 लोग घायल हुए हैं।


शांति की कोई संभावना नहीं

इस संघर्ष को शुरू हुए चार दिन हो चुके हैं, लेकिन किसी भी पक्ष से संघर्ष विराम के संकेत नहीं मिले हैं। जब अमेरिकी कौंसुलेट भी मिसाइल हमलों की चपेट में आ गया है, तो यह संघर्ष और भी विकराल होता जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि उसने इजरायल के हमलों में कोई भूमिका नहीं निभाई है, लेकिन इन हमलों को 'सटीक' और 'आवश्यक' बताते हुए अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया है। ईरान के लिए यह अस्तित्व और वर्चस्व की लड़ाई बन गई है।


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