मेघालय हत्या मामला: इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या के संदर्भ में मेघालय पुलिस ने कुछ चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। प्रारंभ में इसे 'कॉन्ट्रैक्ट किलिंग' समझा जा रहा था, लेकिन अब यह व्यक्तिगत संबंधों और साजिशों की जटिलता को दर्शा रहा है। इस मामले में सोनम रघुवंशी और उनके कथित प्रेमी राज कुशवाह सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की जांच से पता चला है कि इस साजिश की शुरुआत फरवरी में इंदौर में हुई थी। राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को हुई, लेकिन उससे पहले ही राज कुशवाह ने हत्या की योजना बना ली थी। पूर्वी खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने कहा, "राजा की हत्या की साजिश का मुख्य योजनाकार राज है, जबकि सोनम ने इसमें सहयोग दिया।"
हत्या की साजिश का विवरण
शादी के कुछ दिन बाद, राजा (29) और सोनम (24) मेघालय के सोहरा (चेरापूंजी) पहुंचे। 23 मई को दोनों पर्यटक स्थल से गायब हो गए। 2 जून को राजा का शव वेइसाडोंग फॉल्स के पास एक खाई में मिला, जबकि सोनम 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आत्मसमर्पण कर दिया।
हत्या को अंजाम कैसे दिया गया
पुलिस के अनुसार, राज कुशवाह ने अपने तीन दोस्तों विशाल, आकाश और आनंद के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने कहा, "यह कोई सामान्य कॉन्ट्रैक्ट किलिंग नहीं थी। तीनों युवक राज के करीबी दोस्त थे, और उनमें से एक उसका चचेरा भाई था। उन्होंने दोस्ती के एहसान के तहत यह कदम उठाया।" 23 मई को दोपहर 2 बजे से 2:18 बजे के बीच, उन्होंने राजा पर चाकू से हमला किया। इस दौरान सोनम मूकदर्शक बनी रही। उसने आकाश को अपना रेनकोट दिया क्योंकि उसकी शर्ट पर खून के धब्बे थे। इसके बाद वे स्कूटर से वहां से भाग गए।
सोनम का भागने का तरीका
हत्या के बाद, सोनम ने बुर्का पहनकर मेघालय से भागने का निर्णय लिया। राज ने विशाल को बुर्का लाने का काम सौंपा था। सोनम शिलांग से गुवाहाटी, फिर सिलीगुड़ी, पटना, आरा, और लखनऊ होते हुए इंदौर पहुंची। राज ने सोनम को सिलीगुड़ी में यह बताने के लिए कहा कि वह अपहरण से बचकर भागी है।
झूठी मौत की योजना
इस साजिश में एक और चौंकाने वाला पहलू था। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक योजना में किसी अन्य महिला की हत्या कर उसके शव को जलाने और उसे सोनम का शव बताने की बात थी। यह सोनम को छिपने के लिए समय देने का एक उपाय था। हालांकि, यह योजना सफल नहीं हुई। पुलिस ने सभी पांच आरोपियों सोनम, राज, विशाल, आकाश और आनंद को आठ दिन की हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा, "हम बयान दर्ज कर रहे हैं और अपराध स्थल का पुनर्निर्माण करेंगे। हमें 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की उम्मीद है।"