गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, जो कि भारत की प्रमुख रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, ने भारतीय तट रक्षक बल के लिए आठ अत्याधुनिक फास्ट पैट्रोल वेसल्स (FPVs) बनाने का जिम्मा लिया है। यह परियोजना 28 मार्च 2022 को 473 करोड़ रुपये की लागत पर अनुबंधित की गई थी। इन जहाजों का निर्माण 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग करके किया जा रहा है, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी.
हाल ही में इस श्रृंखला के पहले जहाज का जलावतरण समारोह गोवा में पारंपरिक तरीके से आयोजित किया गया। इस जहाज का नाम 'अचल' रखा गया, जिसका नामकरण श्रीमती कविता हरबोला ने मंत्रोच्चारण के साथ किया। इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार हरबोला और अन्य वरिष्ठ सैन्य तथा शिपयार्ड अधिकारी उपस्थित थे.
'अचल' को भारतीय तट रक्षक की आवश्यकताओं के अनुसार GSL द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह 52 मीटर लंबा, 8 मीटर चौड़ा और 320 टन वजनी है। इसकी अधिकतम गति 27 नॉट्स है। इसमें अत्याधुनिक कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर प्रणाली लगी हुई है और इसे अमेरिकन ब्यूरो ऑफ शिपिंग और इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग के मानकों के अनुसार प्रमाणित किया गया है। यह जहाज तटीय क्षेत्रों और द्वीपों की सुरक्षा, निगरानी और गश्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
यह परियोजना न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करती है, बल्कि देश के एमएसएमई और स्थानीय उद्योगों को भी नए अवसर प्रदान करती है। इससे जुड़े निर्माण कार्यों ने रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया है.
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में GSL की उपलब्धियों की सराहना करते हुए स्वदेशी जहाज निर्माण के इस मील के पत्थर को देश के लिए गर्व का क्षण बताया। 'अचल' का जलावतरण भारत की आत्मनिर्भरता और उन्नत तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक है.