हरियाणा वर्षा अलर्ट: हरियाणा में जून के मध्य में मौसम में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को अब राहत मिलने लगी है, क्योंकि राज्य के विभिन्न जिलों में प्री-मानसून बारिश की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार तक जहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, वहीं अब यह गिरकर 40 डिग्री से नीचे आ चुका है, जिससे वातावरण पहले की तुलना में कहीं ज्यादा सुहावना और ठंडा हो गया है.
हिसार, रेवाड़ी, जींद, कुरुक्षेत्र, नारनौल, फतेहाबाद, झज्जर, नूंह, सिरसा, कैथल और चरखी दादरी जैसे जिलों में बादल छाए हुए हैं और कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग के अनुसार, इन जिलों में अगले चार दिनों तक बारिश जारी रह सकती है.
प्री-मानसून प्रभाव के चलते न केवल बारिश बल्कि तेज हवाएं भी चलने की संभावना जताई गई है. अगले कुछ दिनों तक 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो बिजली की गरज और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ होंगी. इससे तापमान में और गिरावट संभव है.
मौसम विभाग के ताजे आंकड़ों के अनुसार, बारिश के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान में 5 से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है. खासकर उन इलाकों में, जहां कुछ दिन पहले तक पारा 45 डिग्री को पार कर रहा था, अब वहां तापमान 38-39 डिग्री के आसपास आ चुका है.
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हरियाणा में इस समय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय है. यही कारण है कि बारिश, तेज हवाएं और बादलों का जमावड़ा लगातार बना हुआ है. यह स्थिति 19 जून तक बनी रह सकती है. उसके बाद प्री-मानसून हवाएं और भी अधिक प्रभावी होंगी, जिससे हवा में नमी बढ़ेगी और मौसम और भी ठंडा हो सकता है.
मौसम विभाग ने साफ किया है कि इस साल हरियाणा में मानसून 28 जून को प्रवेश करेगा. इससे पहले जो बारिश हो रही है वह प्री-मानसून का हिस्सा है. लेकिन 28 जून के बाद राज्य में बारिश की तीव्रता और मात्रा दोनों में इजाफा होगा.
मानसून के आगमन से पहले ही हो रही बारिश से किसानों को बड़ी राहत मिली है. नमी बढ़ने से खेतों में बुवाई के अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी और खेती-बाड़ी की शुरुआत में मदद मिलेगी. आने वाले दिनों में यदि यह स्थिति बनी रहती है तो फसल उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
हालांकि मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि बिजली की गर्जना और तेज हवाओं को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. खासकर खुले में काम करने वाले लोगों, किसानों और बच्चों को बिजली गिरने से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए.