योगासन जो पीसीओएस से राहत दिलाने में मददगार हैं
newzfatafat June 19, 2025 06:42 AM
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: पीसीओएस से निपटने के लिए योग

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: आजकल कई महिलाएं पीसीओएस जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं। यह एक हार्मोनल असंतुलन से संबंधित स्थिति है, जिसमें मासिक धर्म अनियमित होते हैं। इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ सकता है, चेहरे पर अनचाहे बाल उग सकते हैं, और कभी-कभी गर्भधारण में भी कठिनाई होती है। माना जाता है कि खराब जीवनशैली और खानपान इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि योग के माध्यम से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। नियमित योगासन करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं, तनाव कम होता है, और मासिक धर्म सामान्य हो जाते हैं। आइए जानते हैं 5 प्रभावी योगासन जो पीसीओएस में राहत देने में सहायक हो सकते हैं।


बद्धकोणासन

बद्धकोणासन का नियमित अभ्यास करने से जांघों, कमर और पेल्विक क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ता है। यह अंडाशय और गर्भाशय के कार्य को सुधारता है, जिससे मासिक धर्म नियमित होने में मदद मिलती है। इसे रोजाना 5-10 मिनट करने का प्रयास करें।


सेतु बंधासन

यह आसन रीढ़ और थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे हार्मोन संतुलित रहते हैं। इसके अलावा, यह तनाव को कम करने में भी सहायक है, जो पीसीओएस के प्रमुख कारणों में से एक है। इसे रोजाना करना चाहिए।


भुजंगासन


भुजंगासन का नियमित अभ्यास करने से पेट और निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह अंडाशय के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।


धनुरासन

धनुरासन पेट की चर्बी को कम करने में सहायक है, जो पीसीओएस से जुड़ी समस्याओं में से एक है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर को लचीला बनाता है।


प्राणायाम


पीसीओएस से राहत पाने के लिए केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, मानसिक शांति भी आवश्यक है। रोजाना 10 मिनट अनुलोम-विलोम करने से तनाव कम होता है, हार्मोन का संतुलन बेहतर होता है और पीसीओएस में राहत मिलती है।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.