डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. इसका कोई इलाज नहीं है. हालांकि कुछ उपायों से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है. सही लाइफस्टाइल, बढ़िया खानपान और दवाइयों की मदद से इसे मैनेज किया जा सकता है. डायबिटीज होने पर शरीर के कुछ अंगों में परेशानी होने लगती है, जिसपर समय पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. अक्सर देखा जाता है कि डायबिटीज पैरों को प्रभावित करती है, ऐसे में आज हम डॉ. कपिल गुप्ता (निदेशक – वैस्कुलर और एंडोवैस्कुलर सर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली) से इसके कारण जानेंगे.
पैरों पर पड़ता है असर-
डॉ. कपिल गुप्ता ने बताया कि डायबिटीज से पैरों पर असर पड़ता है क्योंकि यह दो बड़ी समस्याएं पैदा करता है – नसों को नुकसान (डायबिटिक न्यूरोपैथी) और खून के प्रवाह में कमी. लंबे समय तक ब्लड शुगर का लेवल ज्यादा रहने से पैरों की नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में सुन्नपन या महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में व्यक्ति को चोट, कट या फफोले का एहसास नहीं होता और छोटी-सी परेशानी भी गंभीर बन सकती है.
रक्त प्रवाह कम होता है-
इसके अलावा, डायबिटीज खून की नलियों को संकुचित और सख्त कर देती है, खासकर पैरों में, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है. इससे घाव भरने में समय लगता है और इंफेक्शन, अल्सर या गंभीर मामलों में गैंगरीन जैसी स्थिति हो सकती है, जिससे अंग काटने की नौबत आ सकती है.
बचाव के उपाय: