200 टेस्ट मैच खेलने वाले दिग्गज, महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल को एक ऐसा गुरुमंत्र दिया है जो मुश्किल वक्त में उनके काम आएगा. सचिन ने बताया कि गिल को सफल होने के लिए समय देना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें समर्थन भी मिलना चाहिए. सचिन ने शुभमन गिल को सलाह दी कि वो ड्रेसिंग रूम के बाहर की राय के बारे में सोचने के बजाय अपनी योजना पर ध्यान लगाएं. हेडिंग्ले में पहले टेस्ट से पहले पीटीआई को दिए एक खास इंटरव्यू में सचिन ने कहा,’मुझे लगता है कि गिल को समय देना होगा. उन्हें समर्थन दिया जाना चाहिए.’
गिल को सचिन की सलाहभारत का कप्तान होना एक भारी दबाव वाला काम है, और सचिन ये अच्छी तरह समझते हैं कि तरह-तरह की राय सामने आएंगी. लेकिन वे चाहते हैं कि गिल का ध्यान केवल अपनी योजनाओं पर रहे. सचिन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत सारी राय आएंगी कि ‘उन्हें यह करना चाहिए, उन्हें वह करना चाहिए.’ इस तरह की बातें होंगी. लेकिन उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए कि टीम की योजना क्या है. ड्रेसिंग रूम में क्या चर्चा हुई. क्या यह उसी के मुताबिक हो रहा है? और जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, वो टीम के फायदे में हैं या नहीं, यही उन्हें सोचना चाहिए… बाहरी दुनिया की राय कि वे बहुत आक्रामक हैं या बहुत रक्षात्मक हैं, ये सब मायने नहीं रखता. ये राय हैं और लोग राय देंगे.’ सचिन ने आगे कहा, ‘आखिरकार, ड्रेसिंग रूम में क्या होता है और वो जो कुछ भी कर रहे हैं, वो टीम के हित में है या नहीं, यही मायने रखता है. और यही अहम होना चाहिए, बाकी कुछ नहीं.’
बतौर बल्लेबाज भी गिल के सामने चुनौती25 साल के शुभमन गिल के लिए ये सीरीज न केवल कप्तानी के लिहाज से बल्कि बल्लेबाजी के मोर्चे पर भी अहम होगी. भारत के लिए ये सीरीज नई कप्तानी के तहत एक नया अध्याय शुरू करने का मौका है, लेकिन कोहली, रोहित और अश्विन जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी. ये सीरीज न केवल गिल की लीडरशिप क्वालिटी की परीक्षा की तरह होगी, बल्कि डब्ल्यूटीसी के नजरिए से भी ये अहम है. अब देखना ये है कि गिल कैसे इस चुनौती को स्वीकार करते हैं.