8 वां वेतन आयोग समाचार: देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं। सरकार ने 2025 में इसके गठन की घोषणा की थी, लेकिन अब सबसे अहम सवाल है – फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और इससे सैलरी कितनी बढ़ेगी।
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण गणना सूत्र होता है जिससे पुराने वेतन को नए वेतन में बदला जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 हो गया था। इस बार 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है। यदि यह लागू होता है तो न्यूनतम वेतन ₹51,480 तक पहुंच सकता है।
सूत्रों के अनुसार सरकार 1.92 और 2.86 दो फिटमेंट फैक्टर विकल्पों पर विचार कर रही है। यदि 1.92 लागू होता है तो न्यूनतम वेतन ₹34,560 हो जाएगा। लेकिन कर्मचारी संगठनों की मांग है कि महंगाई और जीवनयापन खर्च को देखते हुए 2.86 फिटमेंट फैक्टर ही जरूरी है।
6वें वेतन आयोग में 1.86 फिटमेंट फैक्टर लागू हुआ था और वास्तविक वेतन में 54% तक की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, 7वें आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के बावजूद सिर्फ 14% की वृद्धि देखने को मिली। इस बार कर्मचारी बेहतर वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
मई 2025 में सरकार की ओर से दो अहम सर्कुलर जारी हुए हैं। इसमें बताया गया है कि 40% पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभी आयोग के ToR (Terms of Reference) को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, जिसके बाद अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2027 या 2028 तक आ सकती है। इसे लागू होने में और 6 से 8 महीने का समय लग सकता है। हालांकि, सरकार चाहे तो इसे 1 जनवरी 2026 से भी लागू कर सकती है और बकाया वेतन (arrears) दे सकती है।
कर्मचारी संगठनों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 5 सदस्यीय परिवार के खर्च के आधार पर तय हो। साथ ही हर 5 साल में पेंशन समीक्षा, 50% डीए को बेसिक वेतन में जोड़ने और फुल पेंशन की बहाली जैसी मांगें भी प्रमुख हैं।