कड़ी पत्ते, जिसे मीठी नीम भी कहा जाता है, में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। आज हम इसके कुछ खास फायदों के बारे में चर्चा करेंगे, जैसे उच्च रक्तचाप, एक्जिमा, और मर्दाना कमजोरी में इसके उपयोग की विधि।
यह पौधा मुख्यतः हिमालयी क्षेत्र को छोड़कर पूरे भारत में पाया जाता है। यह एक सदाबहार झाड़ी है और इसे अक्सर कढ़ी में स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है, इसलिए इसे कढ़ी पत्ता भी कहा जाता है। इसे छोटे गमलों में भी उगाया जा सकता है, जिससे परिवार की जरूरत के अनुसार इसे घर पर उगाना फायदेमंद होता है।
कड़ी पत्ते की पत्तियों में एक विशेष सुगंध होती है और इनमें एसेंशियल ऑयल्स होते हैं, जिनमें मुरया सायनिन और कैरियोफायलिन प्रमुख हैं।
आइए जानते हैं कड़ी पत्ते के 8 अद्भुत फायदे।
उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्ति यदि प्रतिदिन 7-8 कड़ी पत्ते सुबह चबाते हैं, तो उनका रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
शाम के समय कड़ी पत्ते चबाने से शरीर में ऊर्जा और उत्तेजना का संचार होता है। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
यदि आपको दस्त की समस्या हो, तो कड़ी पत्ते को हल्का उबालकर उसका पानी पीने से तुरंत राहत मिलती है।
अतिसार के दौरान कड़ी पत्ते के ताजे पत्तों का अर्क बहुत फायदेमंद होता है।
कड़ी पत्ते के बीज का तेल एक उत्कृष्ट कीटनाशक है, जो एक्जिमा और घावों को ठीक करने में मदद करता है। इसे लुग्धी बनाकर घावों पर लगाया जाता है।
नेत्रों की ज्योति बढ़ाने और रतौंधी की समस्या में कड़ी पत्ते का चूर्ण 2 ग्राम मात्रा में जल के साथ लेने से लाभ होता है।
जिन व्यक्तियों के वीर्य में शुक्राणु की संख्या कम होती है, उन्हें कड़ी पत्ते की छाल का चूर्ण शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
कड़ी पत्ते की छाल या जड़ का चूर्ण दूध में उबालकर मिश्री मिलाकर पीने से यौन उत्तेजना में वृद्धि होती है।