महाराष्ट्र की सांगली राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। वसंतदादा पाटिल परिवार, जो दशकों से कांग्रेस का मजबूत स्तंभ माना जाता रहा है, उसका एक बड़ा धड़ा अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गया है। इस घटनाक्रम को लेकर कहा जा रहा है कि इससे न केवल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, बल्कि भाजपा की सांगली जिले में जमीनी पकड़ और मजबूत हो सकती है।
कौन हुए भाजपा में शामिल?सांगली जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की उपाध्यक्ष जयश्री पाटिल, जो कि वसंतदादा पाटिल परिवार से ताल्लुक रखती हैं, ने विधानसभा चुनाव में बागी रुख अपनाने के बाद अब औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
जयश्री पाटिल के साथ परिवार के अन्य प्रमुख सदस्य और समर्थक भी पार्टी में शामिल हुए हैं। यह कदम आने वाले 2024-25 के चुनावी समीकरणों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है।
राजनीतिक मायनेवसंतदादा पाटिल परिवार, महाराष्ट्र के कृषि और सहकारिता आंदोलन में अहम भूमिका निभाता रहा है।
इस परिवार की सांगली और पश्चिम महाराष्ट्र में मजबूत राजनीतिक पकड़ रही है, विशेषकर ग्रामीण और सहकारी क्षेत्र में।
कांग्रेस के लिए यह परिवार ब्रांड और परंपरा का प्रतीक रहा है, ऐसे में भाजपा में इसका शामिल होना मनौवैचारिक और चुनावी क्षति मानी जा रही है।
सांगली और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भाजपा की संगठनात्मक कमजोरी को यह दलबदल कवर कर सकता है।
सहकारिता संस्थानों पर पकड़ और स्थानीय प्रभावशाली चेहरों की मौजूदगी भाजपा को ग्राम्य मतदाता वर्ग में प्रवेश दिला सकती है।
कांग्रेस की सांगली इकाई में फूट की आशंका और अंदरूनी असंतोष का संकेत भी यह घटनाक्रम देता है।
पार्टी में शामिल होने के बाद जयश्री पाटिल ने कहा:
“हम विकास की राजनीति में विश्वास रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सांगली के लिए काम करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य केवल राजनीति नहीं, बल्कि सेवा है।”