विधवा पेंशन उत्तर प्रदेश में चल रही विधवा पेंशन योजना को लेकर हाल ही में हुए सघन सत्यापन अभियान में बड़ा खुलासा सामने आया है. राज्यभर में किए गए डोर-टू-डोर सर्वे में लगभग 40,000 महिलाएं अपात्र पाई गईं, जिन्हें अब योजना से बाहर कर दिया गया है.
सत्यापन के दौरान सामने आया कि बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं जो विधवा होने के बाद दोबारा विवाह कर चुकी थीं, अब भी विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि शादीशुदा महिलाएं इस योजना की पात्र नहीं होतीं, इसलिए उन्हें सूची से बाहर कर दिया गया है.
सिर्फ दूसरी शादी ही नहीं, कई मामलों में महिलाओं की मृत्यु के बाद भी उनके नाम पर पेंशन आ रही थी, या फिर दस्तावेजों में गंभीर खामियां थीं. इन सभी मामलों को अपात्र घोषित कर योजना से हटाने का निर्णय लिया गया है.
इस सत्यापन अभियान के बाद राज्य में विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं की संख्या 35.40 लाख से घटकर 34.90 लाख रह गई है. यानी लगभग 40,000 अपात्र लाभार्थियों को हटाया गया है.
महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि अप्रैल, मई और जून की पेंशन राशि इस महीने के अंत तक पात्र महिलाओं के खाते में भेजी जाएगी. इसके लिए प्रशासन ने सख्त निगरानी और तकनीकी व्यवस्था भी सुनिश्चित की है.
आर्थिक रूप से कमजोर विधवाओं को राहत देने वाली योजना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित यह योजना उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है और जो स्वयं निर्वाह के लिए असमर्थ हैं.
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
राज्य सरकार अब विधवा पेंशन योजना को पूरी तरह पारदर्शी और वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए सख्त मानक लागू कर रही है. अपात्र लाभार्थियों की पहचान और हटाने की प्रक्रिया से यह संकेत मिलता है कि अब इस योजना में धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी.