आनंद बालासन शरीर को रिलैक्स करता है, पीठ और कूल्हों में खिंचाव लाता है, और मानसिक तनाव को दूर करता है. इसे करने से बच्चों जैसी खुशी और निश्चिंतता का अनुभव होता है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं. दोनों हाथों से पैरों के तलवे पकड़ें और घुटनों को धीरे-धीरे छाती की ओर खींचें. इस दौरान कमर जमीन से चिपकी होनी चाहिए.
मत्स्यासन को फिज पोज भी कहा जाता है. यह थायरॉइड, पिट्यूटरी ग्लैंड को एक्टिव करता है, सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है और कमर के दर्द में राहत देता है. इसके लिए पीठ के बल लेटकर हाथों को शरीर के नीचे रखें. अब छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर मोड़ें ताकि सिर का जमीन पर टिक जाए.
सिंहासन चेहरे के लिए बेहद फायदेमंद होता है. लेकिन ये करने में काफी अजीब लगता है. दरअसल, इसे करने के लिए वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं, हाथों को घुटनों पर रखें. अब मुंह खोलें, जीभ को बाहर निकालें और गहरी सांस लेते हुए सिंह की तरह ‘हाहाहा’ की आवाज निकालें. यह चेहरे की मसल्स को मजबूत करता है, गले की समस्याओं को दूर करता है.
कर्णपीड़ासन भी करने में थोड़ा अजीब है लेकिन काफी फायदेमंद है. ये रीढ़ को फ्लेक्सिबल बनाता है. मस्तिष्क को शांत करता है और कॉन्सेंट्रेशन बढ़ाने में सहायक हलासन की मुद्रा में आकर पैरों को सिर के पीछे जमीन पर टिकाएं, फिर घुटनों को मोड़ते हुए उन्हें कानों के पास रखें. दोनों हाथों को शरीर के पास रखें.
अजब गजब आसन में ससांगासन का नाम भी शामिल है. ये योगासन पीठ और गर्दन की जकड़न को दूर करता है, तनाव घटाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है. इसे करने के लिए वज्रासन में बैठें और फिर झुककर माथा जमीन से छुलाएं. दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ें और पीठ को ऊपर की ओर उठाएं.