International Yoga Day: रोज सुबह मलासन में बैठकर पानी पीने से क्या होता है? एक्सपर्ट से जानें
TV9 Bharatvarsh June 21, 2025 01:42 PM

सोशल मीडिया आपने कभी न कभी तो देखा या सुना होगा कि सुबह मलासन में बैठकर पानी पीने से पेट साफ होता है. लेकिन ये आदत सिर्फ पाचन ही नहीं, कई और स्वास्थ्य लाभों से भी जुड़ी हुई है. पेट की सफाई, कब्ज से राहत, हार्मोन बैलेंस और यहां तक कि वजन घटाने में भी कारगार हो सकती है. ऐसे में लोग इस आसान को काफी फायदेमंद मान रहे हैं.

योग एक्सपर्ट का कहना है कि ये पोजिशन शरीर को नेचुरली डिटॉक्स करने में मदद करती है, जिससे दिन की शुरुआत हल्के और एनर्जेटिक तरीके से होती है. तो चलिए आज यानी 21 जून को अंतर्राष्ट्रिय योग दिवस के मौके पर जानते हैं कि क्या सुबह मालासन में बैठकर पानी पीना सही है और अगर ऐसा है तो इसके क्या-क्या फायदे हैं.

क्या कहती हैं योग एक्सपर्ट ?

भारत योग की अध्यक्ष और योग एक्सपर्ट आचार्य प्रतिष्ठा जी, बताती हैं कि सुबह उठकर व्रजासन या चोकरी माड़कर या फिर कुर्सी पर बैठकर 2 गिलास पानी पिएं. उसके उपरांत यानी पानी पीने के बाद हम उकडू बैठें, जिसे उकडूसान भी कहा जाता है, कागासन भी कहा जाता है और अब उसे मालासन भी कहा जाता है. लेकिन आपके पहले पानी पीना है और बाद में मालासन की स्थिति में बैठना है. मालासना के दौरान पानी नहीं पीना है. इसे करने से आपके डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. विशेष रुप से सुबह आपका पेट साफ हो जाता है. हालांकि, रोजाना मलासान का अभ्यास करना कोई जरूरी नहीं है.

मालासन करने से मिलते हैं ये गजब के फायदे

कब्ज और पेट की समस्याओं से राहत- मालासन पाचन तंत्र को एक्टिव करता है. इस मुद्रा में बैठने से पेट की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे कब्ज, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. खासतौर पर सुबह इस आसन में बैठने से पेट पूरी तरह साफ होता है.

डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है- यह आसन पाचन क्रिया को नेचुरली संतुलित करता है. इसे करने से गट हेल्थ बेहतर होती है और एनजाइम्स के स्त्राव में सुधार आता है, जिससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है.

लोअर बॉडी की मजबूती मिलती है- मालासन में बैठने से हिप्स, थाइज और एंकल की मसल्स स्ट्रेच होती हैं. यह शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है और जोड़ों में जकड़न नहीं होने देता. यानी ये लोअर बॉडी को मजबूत करने के लिए भी फायदेमंद है.

क्यो मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रिय योग दिवस?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, और इसका उद्देश्य लोगों को योग के महत्व के बारे में जागरूक करना है. योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्राचीन भारतीय विधा है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने में मदद करती है. साल 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे 193 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया. यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. योग दिवस का उद्देश्य है लोगों को एक हेल्दी और स्ट्रेस-फ्री जीवन जीने की प्रेरणा देना, ताकि वे तन और मन दोनों से स्वस्थ रह सकें.

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