थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटर्न शिनवात्रा इन दिनों एक लीक हुई फोन कॉल के चलते जबरदस्त सियासी संकट में फंसी हुई हैं. इस कॉल में वो कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से बेहद घरेलू लहजे में बात करती सुनाई दीं. वो भी तब, जब दोनों देशों के बीच बॉर्डर विवाद गरमाया हुआ है.
कॉल में पैटोंगटर्न ने हुन सेन को “चाचू” कहकर संबोधित किया और थाई सेना के एक टॉप कमांडर को लेकर तंज कस दिया कि वो सिर्फ कूल दिखने की कोशिश कर रहे हैं और बेवजह की बातें कर रहे हैं. यही बात थाईलैंड में बवाल की वजह बन गई.
गठबंधन की सबसे बड़ी दरारइस विवाद के बीच थाई सरकार को सबसे बड़ा झटका बुधवार को लगा, जब सत्ताधारी गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भुमजैठाई (Bhumjaithai) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया. अब पैटोंगटर्न की सरकार बहुमत के संकट में आ गई है. दो अन्य सहयोगी दलों ने भी बैठक बुलाई है और उनके समर्थन वापस लेने की अटकलें तेज हैं.
हुन सेन ने खुद कॉल को किया लीक, 80 नेताओं को भी भेजी क्लिप!थाई जनता की नाराज़गी के बीच कंबोडियन नेता हुन सेन ने खुद इस फोन कॉल की पूरी 17 मिनट की रिकॉर्डिंग अपने फेसबुक पर पोस्ट कर दी. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने यह ऑडियो 80 कंबोडियन नेताओं के साथ भी शेयर की है. इसके बाद थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया के राजदूत को कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि यह लीक दोनों देशों की बातचीत को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा.
एक सैनिक की मौत के बाद रिश्ते सबसे खराब दौर मेंइस लीक से पहले भी हालात सामान्य नहीं थे. पिछले महीने बॉर्डर पर हुई एक झड़प में एक कंबोडियन सैनिक की मौत हो गई थी. इसके बाद कंबोडिया ने थाईलैंड से आयात होने वाले कई उत्पादों पर बैन लगा दिया. फल, बिजली और थाई टीवी शोज़ तक को रोक दिया गया. बॉर्डर पर भी सख्ती और रोक-टोक बढ़ गई.
PM का बचाव: “यह एक कूटनीतिक रणनीति थी”बढ़ते दबाव के बीच पैटोंगटर्न ने सफाई दी कि वो कॉल दरअसल एक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा थी. उन्होंने कहा कि मैं उस लीक ऑडियो के लिए माफी मांगती हूं, जिससे जनता में नाराज़गी हुई. मगर उनकी ये सफाई आलोचकों को संतुष्ट नहीं कर पाई है.