Pyaaz Storage Tips: प्याज की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है – लंबे समय तक प्याज को सुरक्षित रखना. यदि किसान इस चुनौती को समझदारी से हल कर लें, तो बाजार में अच्छे भाव मिलने तक प्याज स्टोर कर मुनाफा कई गुना बढ़ा सकते हैं. अच्छी खबर यह है कि किसान कुछ सस्ते और देसी तरीके अपनाकर अपने घर पर ही प्याज को सुरक्षित रख सकते हैं.
भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है. इसकी सबसे खास बात यह है कि प्याज की मांग सालभर बनी रहती है और यह हर घर की जरूरत है. यही वजह है कि किसान कम लागत में इसे उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन अगर किसान प्याज को तुरंत न बेचकर सही समय का इंतजार करें, तो और ज्यादा कमाई संभव है.
हालांकि प्याज को स्टोर करना आसान नहीं है. अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो पूरी फसल सड़ सकती है या खराब हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि प्याज को स्टोर करते समय सही तकनीक और तरीके अपनाए जाएं, ताकि इसकी गुणवत्ता और shelf life बनी रहे.
प्याज की कटाई के बाद डंठल को न हटाएं. 20-20 प्याज की एक-एक गुच्छी बनाकर हवादार कमरे में लटकाएं. इससे प्याज को चारों ओर से हवा मिलती रहती है, जिससे वो नमी से बचा रहता है और लंबे समय तक खराब नहीं होता.
अगर किसान के पास कम जगह है, तो वे लोहे के एंगल और जाली से वर्टिकल स्लैब बना सकते हैं. इन स्लैब्स में प्याज भर दें. इससे हवा का आवागमन बेहतर बना रहता है और प्याज सड़ने से बचता है.
ट्री गार्ड में इस्तेमाल होने वाली जाली को पाइप की तरह गोल आकार में बनाकर उसमें प्याज भर दिया जाए. यह एक कम लागत वाली देसी तकनीक है जिससे प्याज हर दिशा से हवा पाकर सुरक्षित रहता है.
इस देसी उपाय में पहले ज़मीन पर तीन-तीन की कतार में ईंटें लगाई जाती हैं. फिर बांस या लकड़ी की पट्टियां रखी जाती हैं और उन पर जालीदार बोरियों में प्याज भरकर रखा जाता है. इससे प्याज ज़मीन से ऊपर रहता है और नीचे से हवा का प्रवाह बना रहता है.
कई किसान प्याज को कोल्ड स्टोरेज में रखते हैं, लेकिन यह एक महंगा विकल्प है. इसके बजाय अगर किसान ये देसी उपाय अपनाएं, तो लागत भी घटेगी और मुनाफा भी बढ़ेगा. साथ ही, इससे किसान बाजार में मूल्य स्थिर होने या बढ़ने तक प्याज रोक सकते हैं.
इन सभी विधियों की सबसे बड़ी खासियत है – कम लागत, सादगी, और स्थानीय संसाधनों से उपलब्धता. किसान अगर इन उपायों को अपनाएं, तो उपज की बर्बादी कम होगी, और बाजार की मांग के अनुसार बिक्री कर फायदा उठाया जा सकेगा.