केंद्र सरकार के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जुलाई 2025 से मिलने वाला महंगाई भत्ता एक बार फिर चर्चा में है। इस बार जो जानकारी सामने आ रही है, वह सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के लिए उम्मीद के मुताबिक नहीं है। क्योंकि इस बार भी डीए में उतनी अधिक बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलने वाली, जितनी पहले अनुमान लगाई जा रही थी।
देश में लगातार खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में जहां आम उपभोक्ताओं के लिए यह राहत की खबर है, वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए यह स्थिति चिंता की बन गई है। महंगाई के आंकड़ों के अनुसार, इस समय खुदरा महंगाई दर घटकर 2.82% के आसपास पहुंच चुकी है, जो कि बीते 6 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है।
मार्च 2025 में केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में केवल 2% की वृद्धि की थी। यह वृद्धि जनवरी 2025 से लागू हुई थी। लेकिन यह पिछले सात वर्षों की तुलना में सबसे कम डीए हाइक माना गया। अब जुलाई में एक और बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है, लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के मुताबिक इस बार भी डीए में केवल 2% या अधिकतम 3% की ही बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है।
सरकार द्वारा हर वर्ष जनवरी और जुलाई में डीए संशोधन किया जाता है। इस बार जुलाई में जो वृद्धि होगी, उसका ऐलान सितंबर या अक्टूबर में हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार का डीए हाइक दिवाली से ठीक पहले लागू किया जाएगा। यही जुलाई 2025 का डीए हाइक सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम हो सकता है क्योंकि एक जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू होने की संभावना है।
डीए और डीआर की गणना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) पर आधारित होती है, जो हर माह श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। सरकार का मकसद होता है कि महंगाई की मार को कम करने के लिए कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत दी जा सके। लेकिन जब CPI के आंकड़े स्थिर या गिरावट में होते हैं, तो महंगाई भत्ते में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद खत्म हो जाती है।
इस समय भारत में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है। फल, सब्जी, दाल और तेल जैसी चीजें पहले की तुलना में सस्ती हो गई हैं। इसका सीधा असर CPI इंडेक्स पर पड़ा है। फरवरी 2019 में खुदरा महंगाई दर 2.57% थी और अब यह 2.82% पर है, जो कि एक बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
देश में महंगाई को काबू में रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कदम उठाए हैं। हाल ही में जून 2025 की मौद्रिक नीति बैठक में RBI ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है, जिसके बाद वर्तमान रेपो रेट 5.50% रह गया है। इसका मतलब यह है कि बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो गया है, जिससे महंगाई में और नरमी देखने को मिल सकती है।
सरकारी कर्मचारी जहां एक तरफ महंगाई में राहत मिलने से खुश हैं, वहीं दूसरी तरफ डीए में कम बढ़ोतरी की खबर से निराश भी हैं। अब उनकी नजरें 8वें वेतन आयोग की घोषणा और उसकी सिफारिशों पर टिकी हुई हैं, जो कि जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। ऐसे में यह जुलाई का डीए हाइक उनके लिए सातवें वेतन आयोग के तहत आखिरी राहत बन सकता है।