अनाज भंडारण युक्तियाँ: किसान अपनी फसल को महीनों की मेहनत से तैयार करता है, लेकिन कटाई के बाद की सबसे बड़ी चिंता अनाज का सही भंडारण होती है. अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हो जाए, तो 10 से 15 फीसदी तक का नुकसान हो सकता है. खराब भंडारण से नमी, कीट, या फफूंद लगने जैसी समस्याएं अनाज को बर्बाद कर देती हैं.
इस गंभीर विषय पर कन्नौज के कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक चंद्रकला यादव ने किसानों को जरूरी और व्यावहारिक सुझाव दिए हैं, जिन्हें अपनाकर किसान अपना अनाज सालभर सुरक्षित रख सकते हैं.
भंडारण की प्रक्रिया की शुरुआत ही सही तरीके से सुखाने से होती है. वैज्ञानिक चंद्रकला यादव के अनुसार, अनाज में थोड़ी भी नमी रहने पर कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए धूप में कम से कम 3 से 4 दिन तक अनाज को अच्छी तरह फैलाकर सुखाना चाहिए. यह कदम अनाज की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखने में बेहद अहम है.
जिस भी बर्तन, ड्रम या बोरे में अनाज रखना है, उसे इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह साफ करना और कीटमुक्त करना जरूरी है. इसके लिए वैज्ञानिक ने सलाह दी है कि बर्तनों को 0.1 प्रतिशत कीटनाशक घोल (1 मि.ली. दवा प्रति लीटर पानी) में 15-20 मिनट तक डुबोना चाहिए और फिर उन्हें अच्छी तरह से धूप में सुखाना चाहिए. यह प्रक्रिया दीमक और अन्य कीटों को पनपने से रोकती है.
अनाज को रखने की जगह भी उतनी ही मायने रखती है जितना कि भंडारण का तरीका. ऐसी जगह चुनें जहां:
कई बार किसान अनजाने में गलत कीटनाशकों का प्रयोग कर बैठते हैं, जिससे अनाज भी खराब हो सकता है और सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. वैज्ञानिक चंद्रकला यादव ने स्पष्ट कहा कि सुरक्षित कीटनाशकों का उपयोग केवल कृषि वैज्ञानिक की सलाह पर ही करें, ताकि अनाज स्वस्थ और खाने योग्य बना रहे.
भंडारण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए यहां एक संपूर्ण चेकलिस्ट दी जा रही है:
गृह वैज्ञानिक चंद्रकला यादव कहती हैं कि, “किसान अक्सर जानकारी के अभाव में अनाज का भंडारण गलत तरीके से कर बैठते हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. अगर सही सावधानी और वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएं तो अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.