पेरासिटामोल के सेवन से बुजुर्गों में स्वास्थ्य जोखिम: नई स्टडी की चेतावनी
Gyanhigyan June 25, 2025 07:42 PM
पेरासिटामोल के दुष्प्रभावों पर नई रिसर्च Big warning from scientists: Throw this medicine out of your house today, it can be fatal

बुखार और दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली पेरासिटामोल दवा के बारे में एक नई अध्ययन ने गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस दवा का बार-बार सेवन बुजुर्गों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, कार्डियोवैस्कुलर और किडनी से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है।


यह अध्ययन "Arthritis Care and Research" जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों में पेरासिटामोल के दीर्घकालिक सेवन के प्रभावों का विश्लेषण किया गया। 1998 से 2018 के बीच 180,483 व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का अध्ययन किया गया, जो लंबे समय तक पेरासिटामोल का उपयोग कर रहे थे। इनकी तुलना 4,02,478 लोगों से की गई, जिन्होंने इस दवा का दीर्घकालिक सेवन नहीं किया। परिणाम बताते हैं कि पेरासिटामोल का लंबे समय तक सेवन करने वालों में पेप्टिक अल्सर, हार्ट फेल्योर, उच्च रक्तचाप और क्रॉनिक किडनी डिजीज का खतरा अधिक था।


स्टडी के प्रमुख प्रोफेसर वाईया झांग ने कहा कि पेरासिटामोल को इसकी सुरक्षा के कारण बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारियों के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, इसके सीमित दर्द निवारक प्रभाव को देखते हुए इसके उपयोग पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।


अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया है कि पेरासिटामोल का बार-बार उपयोग बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा सकता है। प्रोफेसर झांग के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अब बुजुर्ग मरीजों के लिए दर्द निवारण के अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि पेरासिटामोल, जो सामान्यतः सुरक्षित मानी जाती है, कई गंभीर जटिलताओं से जुड़ी हो सकती है। इसलिए, बुजुर्गों में इस दवा का उपयोग सोच-समझकर और चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।


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