इस साल अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से (amarnath yatra 2025 start date) शुरू हो रही है। जो कि 38 दिनों तक चलेगी। हर साल की तरह इस बार भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आएंगे। जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत रास्तों से होकर इस पवित्र गुफा के दर्शन करेंगे।
हालांकि पहलगान आतंकी हमले के बाद से लोगों के मन में यात्रा को लेकर डर बैठ गया है। हालांकि प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। चलिए जानते है कि कितने लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके है कआ पडा पाआ पर ाज खआ जका र
इस साल तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दो रूट है। जो कि बालटाल और पहलगाम से होती है। जहां बालटाल रूट करीब 14 किलोमीटर लंबा है। तो वहीं गुफा तक पहुंचने में करीब एक दिन का समय लग जाता है। तो वहीं दूसरा रूट 32 किलोमीटर का है।
यहां से तीन-चार दिन यात्रा में लग जाते है। बालटाल में दोनेल गेट से यात्रा शुरू होती है। तो वहीं पहलगाम में चंदनवाड़ी से। इधर यात्रियों की RFID चेकिंग की जाती है। यानी की इस यात्रा के लिए आपके पास RFID कार्ड होना जरूरी है। इसकी फीस 250 रुपए है।
अमरनाथ की यात्रा के लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके है। इस यात्रा के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है। ये रजिस्ट्रेशन फॉर्म के साथ जमा करना होता है। आप अपने नजदीकी बैंक ब्रांच या फिर अम्रनाथ यात्रा कि ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए इस बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए काफी सतर्कता बरती जा रही है। गुफा तक जाने वाले दोनों ही रूट पर CRPF, ITBP और जम्मू-कश्मीर पुलिस तैनात रहेंगी। इसके साथ ही ड्रोन से निगरानी की जाएगी और RFID आधारित ट्रैकिंग से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
बता दें कि पहलगाम हमले से पहले करीब 2.38 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन अब सुरक्षा कारणों के चलते केवल 85 हजार यात्रियों के यात्रा करने की पुष्टि हो पाई है। हालांकि प्रशासन यात्रा को सुरक्षित बनाने के सभी इंतजाम कर रही हैं।