मानसून की भारी बारिश के चलते हाड़ौती और उसके आसपास के इलाकों के खूबसूरत झरने शोर मचाने लगे हैं। ऊंचाई से गिरता पानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी तरह कोटा से 65 किलोमीटर दूर पाड़ाझर झरना बहने लगा है। इस कलकल करते झरने का वीडियो सामने आया है।
साल के 10 महीने बहता रहता है
प्रकृति का यह खूबसूरत नजारा रावतभाटा स्थित कोटा वन्यजीव प्रभाग के भैंसरोड़गढ़ अभयारण्य के बीचोंबीच स्थित है। इस झरने की खासियत यह है कि यह साल के 10 महीने बहता रहता है। 35 मीटर ऊंचाई वाले इस खूबसूरत झरने से बहता पानी लोगों को खूब लुभाता है।
झरने के नीचे गुफा में है भगवान शिव का दरबार
आपको बता दें कि झरने के नीचे प्राचीन गुफाएं हैं। गुफा में भगवान शिव का दरबार है। यहां साल भर पहाड़ों के बीच से झरने से रिसने वाली धाराओं के पानी से महादेव का प्राकृतिक रूप से अभिषेक होता है। ऐसा लगता है जैसे प्रकृति स्वयं शिवलिंग पर जल चढ़ा रही हो। यह गुफा 30 मीटर से ज्यादा लंबी है। यहां एक मंदिर बना हुआ है और साथ ही एक पवित्र तालाब भी है। गुफा में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं।
झरने के नीचे आदिम लोगों की गुफाएं
पाड़ाझार महादेव झरने के नीचे प्रागैतिहासिक गुफाएं हैं। कहा जाता है कि यहां कई ऋषियों ने वर्षों तक तपस्या की है। प्रागैतिहासिक काल की गुफाएं आज भी सुरक्षित हैं। यहां जंगली जानवर भी रहते हैं। यह पक्षियों का अभ्यारण्य है।
कहां है रास्ता?
पाड़ाझार महादेव झरने पर जाने के लिए दो रास्ते हैं। एक रावतभाटा से लुहारिया रोड होते हुए जाता है, जिसके लिए केवल निजी वाहन ही उपलब्ध हैं, दूसरा राणा प्रताप सागर बांध, सेटलडैम से चैनपुरा गांव तक जाता है। जहां से आप सीधे वाहन से जा सकते हैं, लेकिन नाले के कारण गुफा तक नहीं जा सकते। पाड़ाझार झरने की प्राकृतिक सुंदरता को आप केवल भारी बारिश के दौरान ही निहार सकते हैं।