कोलकाता गैंगरेप मामले में आरोपियों को मिले सख्त सजा : वारिस पठान
Samachar Nama Hindi June 29, 2025 10:42 AM

मुंबई, 28 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए कथित दुष्कर्म मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

वारिस पठान ने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अत्याचार की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं। जब तक सख्त और ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक हालात में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसी घटना देश की छवि के लिए धब्बा है। कोलकाता गैंगरेप मामले में दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सजा दी जाए, ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए।

पठान ने कहा, “महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अत्याचार सरकार की विफलता का प्रतीक हैं। निर्भया मामले के बाद भी हालात वही हैं। उस समय लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे, कानून बनाने की मांग हुई थी, लेकिन आज भी वही स्थिति बनी हुई है।”

उन्होंने कहा, “देश में महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं। जब तक सरकारें सख्त और ठोस कदम नहीं उठाएंगी, तब तक स्थिति नहीं बदलेगी, चाहे हम किसी भी राज्य की बात कर रहे हों। यहां तक कि अमेरिका ने भी भारत के बारे में ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई भारतीय महिला अमेरिका जाती है, तो उसे सावधान रहना चाहिए। यह हमारे देश की कैसी छवि बन रही है? यह शर्मनाक है कि हम अपनी बेटियों को सुरक्षित नहीं रख पा रहे।”

इसके साथ ही पठान ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया बयान पर भी तीखा हमला बोला। धनखड़ ने "धर्मनिरपेक्ष" और "समाजवादी" शब्दों को संविधान का ‘नासूर’ बताया था, जिस पर पठान ने कहा कि यह बयान संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आते हैं, वही बाद में उसे नकारते हैं। आरएसएस 52 साल तक अपने नागपुर मुख्यालय में तिरंगा नहीं फहराता था, और अब वही लोग धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की बात करते हैं। यह उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। उनका एजेंडा केवल समाज को बांटना है। भारत का संविधान देश की आत्मा है। देश की जनता इसे कमजोर करने की किसी भी साजिश को स्वीकार नहीं करेगी। धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के मूल्यों को नष्ट करने की कोशिश देश के साथ विश्वासघात है।

--आईएएनएस

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