हाँ मर्ज: केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) की गणना का तरीका पूरी तरह बदल सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 10 साल पुराने नियम को बदलने की तैयारी में है, जिसके तहत DA को ‘जीरो’ कर नई बेसिक सैलरी तय की जाएगी।
फिलहाल DA की गणना 2016 के आधार वर्ष (Base Year) पर आधारित कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) से की जाती है, जो 7वें वेतन आयोग के लागू होने के समय तय हुआ था। अब चर्चा है कि 8वें वेतन आयोग के तहत 2026 को नया बेस ईयर मानकर DA को दोबारा शून्य से शुरू किया जाएगा।
इसका मतलब यह है कि 2026 में जब नया वेतन आयोग लागू होगा, उस समय जो DA होगा, उसे ‘0%’ मानते हुए बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद भविष्य में मिलने वाला DA इस नई सैलरी के आधार पर जोड़ा जाएगा, जिससे कुल वेतन में और अधिक बढ़ोतरी होगी।
DA मर्जर की यह प्रक्रिया पहली बार नहीं होगी। इससे पहले भी पिछले वेतन आयोगों के समय ऐसा किया गया है। इस बार भी जब DA को मर्ज कर दिया जाएगा और नई बेसिक सैलरी तय होगी, तब हर 6 महीने में होने वाली DA बढ़ोतरी का असर कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर पहले DA 2% बढ़ता था तो वह पुरानी सैलरी पर होता था, लेकिन अब यह नई बेसिक सैलरी पर होगा, जिससे राशि ज्यादा मिलेगी।
2016 से अब तक देश की महंगाई, जीवनशैली और खर्च करने की आदतों में बड़ा बदलाव आया है। लोगों की जरूरतें बदली हैं और इसके अनुसार महंगाई का आकलन भी अब पुराने बेस ईयर पर सटीक नहीं बैठता। इसलिए सरकार का उद्देश्य है कि महंगाई भत्ते की गणना अधिक सटीक हो, जिससे कर्मचारियों को वास्तविक लाभ मिल सके।
तकनीकी रूप से हां। जब नया वेतन आयोग लागू होगा और नया बेस ईयर 2026 मान लिया जाएगा, तब मौजूदा DA ‘शून्य’ हो जाएगा। लेकिन यह नुकसान नहीं बल्कि लाभ की स्थिति होगी क्योंकि इसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाएगा, जिससे नई सैलरी स्ट्रक्चर बनेगी और आगे का DA उसी पर जोड़ा जाएगा।
सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर जल्द ही आधिकारिक घोषणा कर सकती है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह आयोग 2025 में गठित हो सकता है और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएंगी। भले ही इन्हें कुछ महीने बाद लागू किया जाए, लेकिन कर्मचारियों को एरियर का भी लाभ मिलने की संभावना है।