भारतीय शहरों में महंगे फ्लैट्स की बढ़ती संख्या और सस्ते फ्लैट्स की कमी
newzfatafat June 30, 2025 10:42 AM
महंगे और सस्ते फ्लैट्स की स्थिति

2022 में भारतीय शहरों में एक करोड़ रुपये से कम कीमत के 3.1 लाख फ्लैट्स बिक्री के लिए उपलब्ध थे। लेकिन 2024 में यह संख्या घटकर केवल दो लाख रह गई है। वहीं, एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले मकानों की आपूर्ति में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


मध्य वर्ग के लिए सस्ते फ्लैट्स की खरीदने की क्षमता कम होती जा रही है। रियल एस्टेट एनालिटिक्स फर्म प्रोप-ईक्विटी के अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि एक करोड़ रुपये तक के फ्लैट्स को मध्य आय वाले परिवारों के लिए एफॉर्डेबल माना गया है, लेकिन यह भी सच है कि यह राशि भी भारतीय जनसंख्या के एक छोटे हिस्से की पहुंच में है। अब बिल्डरों का ध्यान इन फ्लैट्स के निर्माण पर नहीं है।


इसका मुख्य कारण महंगे फ्लैट्स से मिलने वाला अधिक मुनाफा हो सकता है। प्रोप-ईक्विटी की रिपोर्ट इस सवाल का स्पष्ट उत्तर नहीं देती। लेकिन जो जानकारी मिली है, वह चिंताजनक है। यह दर्शाता है कि भारत में मध्य वर्ग और बाजार दोनों का विस्तार नहीं हो रहा है। 2022 में 3.1 लाख सस्ते फ्लैट्स की उपलब्धता 2024 में घटकर दो लाख रह गई। पिछले वर्ष में ऐसे फ्लैट्स की आपूर्ति में 30 प्रतिशत की कमी आई।


दिल्ली और बंगलुरू जैसे बड़े शहरों में महंगे फ्लैट्स की आपूर्ति दोगुनी हो गई है। डेवलपर्स का कहना है कि महंगे फ्लैट्स के खरीदार कीमत को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होते और वे मोल-भाव कम करते हैं। यह वर्ग रियल एस्टेट में निवेश के नजरिए से पैसा लगाता है। इसलिए, भारत में महंगे मकान बेचना अब आसान हो गया है।


एनारॉक ग्रुप का अनुमान है कि भारतीय शहरों में वर्तमान में एफॉर्डेबल फ्लैट्स की कमी एक करोड़ तक पहुंच चुकी है, जो 2030 तक ढाई करोड़ तक बढ़ सकती है। उपलब्धता में कमी का सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा, जिससे मध्य वर्ग के लिए मकान का सपना और दूर होता जाएगा।


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