कैपेबिलिटी, काबिलियत या प्रतिभा, शब्द चाहे कितने भी हो, सभी का एक मतलब होता है कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कितने सक्षम हैं या फिर अपने काम के बारे में कितनी जानकारी रखते हैं. ये सिर्फ शिक्षा से जुड़ा नहीं होता है, बल्कि आपके अंदर व्यवहारिक ज्ञान कितना है, यह भी आपकी काबिलियत को दिखाता है. हर इंसान की अपनी सीमाएं, कमजोरियां और स्ट्रेंथ होती है, लेकिन क्षमताएं अद्वितीय होती हैं , बस खुद पर काम करने की जरूरत होती है. अगर कोशिश की जाए तो हर दिन खुद को निखारा जा सकता है. हालांकि हर किसी का मापने का पैमाना अलग होता है और कई बार लोग आपकी प्रतिभा पर सवाल उठाने लगते हैं. इसे ईगो पर लेने की बजाय या फिर बुरा मानने की बजाय आपको पॉजिटिव तरीके से लेना चाहिए और देखना चाहिए कि कमी कहां रह गई है, जिसे पूरा करना है.
आप जब अपनी क्षमता पर विश्वास करते हैं तो इससे न सिर्फ काम के क्षेत्र में सफलता मिलती है, बल्कि निजी जिंदगी में भी आप रिश्तों को ज्यादा मजबूती के साथ बनाए रख पाते हैं. काबिलियत एक उपजाऊ बीज है, जिसे आप जितना पोषण देंगे वो अंकुरित होकर पौधा बनेगा. इसलिए जब कोई आपके काबिल होने पर सवाल उठाए तो मुंह से नहीं बल्कि अपने काम से उसे जवाब दें. चलिए जान लेते हैं ऐसे में आपको क्या करना चाहिए.
अपनी कमजोरियां पहचानेंसबसे पहले आपको जानना होगा कि आखिर सवाल उठने के पीछे की वजह क्या थी, क्या कमियां रह गई थीं. इस तरह से आप जब चिंतन करेंगे तो खुद को निखारने के लिए सही कदम उठा पाएंगे. जो चीजें आपको कठिन लगती हैं फिर आप धीरे-धीरे उसमें भी प्रयास करके खुद को और सक्षम बना पाएंगे.
आत्मविश्वास को ऐसे बढ़ाएंआपका आत्मविश्वास ही यह दिखाता है कि कितनी ज्यादा काबिलियत है, क्योंकि आज के जमाने में शांति से काम करते रहने से कोई भी चीजों को नहीं समझता है और बहुत बार आपके बात करने के तरीके से भी आपको आंका जाता है. इसके लिए मिरर टॉक की प्रैक्टिस कर सकते हैं. जरूरी चीजों के बारे में जानना शुरू करें, क्योंकि नॉलेज बढ़ेगी तो आप हमेशा तर्क के साथ जवाब दे पाएंगे और लोगों का मुंह बंद कर सकते हैं. इसके अलावा सबसे जरूरी है कि भाषा पर पकड़ रखें. इससे ही आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है.
कॉन्फि़डेंस बढ़ाने के टिप्स
कम बोलें ज्यादा सुनेंकई बार हम बेवजह बोलते रहते हैं, जहां जरूरत भी नहीं होती है. ऐसे में लोग कमतर आंकने लगते हैं और आपको हल्के में लेते हैं. कम बोलने और लोगों की बातों को ज्यादा सुनें. खासतौर पर वर्कप्लेस पर ये ध्यान रखें. इससे आप चीजों को ऑब्जर्व कर पाएंगे और छवि भी गंभीर बनती है. किसी को भी बिना मांगे कभी भी सलाह न दें, क्योंकि ऐसी सलाह की वैल्यू नहीं की जाती है.
सकारात्मक और योग्य लोगों में रहेंखुद को पॉजिटिव रखने के लिए उसी तरह के लोगों में रहना जरूरी होता है. सफल लोगों के बीच रहें और फेल होने वालों की कहानियों को जानें. इससे आप यह पता लगा पाएंगे कि किस तरह से आपको जिंदगी में आगे बढ़ना है. प्रेरणा सबसे बड़ी चीज होती है खुद को निखारने के लिए.