देश की सर्वोच्च अदालत यानी की सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट में SC और ST के लिए स्टाफ की भर्तियों में आरक्षण होगा। बता दें कि ये पहली बार है जब कोर्ट ने ऐसा फैसला लिया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के कार्यकाल में बदलाव किया गया। बता दें कि वो दूसरे Chief Justice of India है जो अनुसूचित जाती से आते हैं। 23 जून से नियम लागू किया जा चुका है। इस बड़े फैसले की जानकारी 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने जारी की।
सरल भाषा में समझें तो इस आदेश का मतलब है कि अगर किसी भी कर्मचारी को आरक्षण लिस्ट में कोई गलती नजर आती है तो वो भर्ती विभाग के रजिस्ट्रार को बता सकता है। आरक्षण अलग-अगल पोजिशन के लिए लगाया गया है।
जिसमें सीनियर पर्सनल असिस्टेंट, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट असिस्टेंट, जूनियर कोर्ट असिस्टेंट कम जूनियर प्रोग्रामर, जूनियर कोर्ट अटेंडेंट और चेंबर अटेंडेंट शामिल है। इसके अनुसार अनुसूचित जाति यानी SC कैटेगरी के लिए 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति यानी ST कैटेगरी के लिए 7.5 फीसदी पद आरक्षित किए जाएंगे।
24 जून को आधिकारिक नोटिस सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के द्वारा जारी किया गया। जिसमें लिखा था कि, ” सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के अनुसार, सभी को सूचित किया जाता है कि मॉडल रिजर्वेशन रोस्टर और रजिस्टर को अपलोड कर दिया गया है। ये 23.06.2025 से प्रभावी है। आगे ये भी सूचित किया जाता है कि अगर किसी कर्मचारी को रोस्टर या रजिस्टर में कोई गलती या कमी दिखती है, तो वे रजिस्ट्रार(रिक्रूटमेंट) को इसकी जानकारी दे सकते हैं।”
बता दें कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट में सीधी भर्ती में कोई भी आरक्षण नहीं था। ये पहली बार है जब ये फैसला लिया गया। इस फैसले में सीजेआई बी.आर. गवई की अहम भूमिका है। इससे सीधा SC और ST सुमदाय के लोगों को फायदा होगा। सुप्रीम कोर्ट में अब उन्हें भी नौकरी दी जाएगी। इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाले लोगों में विविधता आएगी।