नई दिल्ली: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में म्यूचुअल फंड का निवेश इस वर्ष मई में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.77 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह जानकारी हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है।
केयरएज रेटिंग्स द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से कमर्शियल पेपर्स (सीपी) और कॉर्पोरेट डेट के कारण हुई है, जो पिछले 14 महीनों से 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक बनी हुई है।
इससे पहले, अप्रैल में यह आंकड़ा 2.69 लाख करोड़ रुपए और जुलाई 2018 में 2.64 लाख करोड़ रुपए था।
हालांकि, आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि मई 2024 में एनबीएफसी क्रेडिट की हिस्सेदारी कुल बैंक क्रेडिट में 9.3 प्रतिशत से घटकर इस वर्ष मई में 8.5 प्रतिशत रह गई।
एएमएफआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) अप्रैल में 70 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर मई में 72.2 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान उद्योग में 29,108 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ, जिसमें से 65 प्रतिशत निवेश इक्विटी श्रेणी से आया।
सकारात्मक निवेश और मार्क-टू-मार्केट (एमटीएम) लाभ के चलते इक्विटी फंडों का एयूएम मासिक आधार पर 4.83 प्रतिशत बढ़कर 32.05 लाख करोड़ रुपए हो गया। फ्लेक्सी कैप में 3,841 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो लगातार तीसरे महीने इक्विटी श्रेणी में सबसे अधिक है।
हाइब्रिड फंड एसेट्स में 4.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे यह 9.55 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। यह वृद्धि इस श्रेणी में 20,765 करोड़ रुपए के उच्चतम मासिक शुद्ध निवेश और एमटीएम लाभ के कारण हुई। आर्बिट्रेज फंड में सबसे अधिक निवेश 15,702 करोड़ रुपए दर्ज किया गया।
पैसिव फंड श्रेणी में इस महीने 5,525 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ, जो लगातार 55वें महीने शुद्ध निवेश का संकेत है।
भू-राजनीतिक तनाव, बाजार में उतार-चढ़ाव और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में पिछले दो महीनों की तुलना में इस महीने शुद्ध निवेश दर्ज किया गया।