आजकल, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना पहले की तरह आसान नहीं रह गया है। अब सड़क पर स्थापित हाई-टेक ट्रैफिक कंट्रोल कैमरे आपकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं, और छोटी सी गलती पर भी ई-चालान जारी किया जा सकता है। पहले जहां ट्रैफिक पुलिस चालान काटती थी, वहीं अब तकनीक के माध्यम से ई-चालान प्रणाली को तेजी से लागू किया जा रहा है।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या चालान कटने के बाद सभी लोग समय पर उसका भुगतान करते हैं? सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 60% से अधिक चालान अभी भी पेंडिंग हैं, जिसका मतलब है कि लोग समय पर जुर्माना नहीं चुका रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को सुधारने के लिए सरकार नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है, जिसके लागू होने पर ई-चालान को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है।
1. ड्राइविंग लाइसेंस का निलंबन:
यदि कोई चालक एक वित्तीय वर्ष में तीन बार रेड लाइट जंप, रैश ड्राइविंग या अन्य उल्लंघन करता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित किया जा सकता है।
2. बीमा प्रीमियम में वृद्धि:
यदि आपने पिछले वर्ष के दो या अधिक ई-चालान का भुगतान नहीं किया, तो अगली बार वाहन बीमा लेते समय आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है। बीमा कंपनियां चालकों की 'ड्राइविंग हिस्ट्री' के आधार पर उन्हें 'हाई रिस्क' श्रेणी में डाल सकती हैं।
दिल्ली: 14%
कर्नाटक: 21%
तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश: 27%
ओडिशा: 29%
राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा: 62-76%
सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि अधिकांश राज्यों में ई-चालान की वसूली दर बहुत कम है। इसके पीछे कारण हैं –
वास्तव में, जब चालान कोर्ट में पहुंचता है, तो करीब 80% मामलों में जुर्माना माफ कर दिया जाता है या फिर बहुत कम कर दिया जाता है। इससे लोगों में यह धारणा बन गई है कि ई-चालान की गंभीरता कम है।
आप https://echallan.parivahan.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर
ई-चालान केवल ट्रैफिक नियमों का पालन कराने का तरीका नहीं है, बल्कि यह आपकी ड्राइविंग की जिम्मेदारी की परीक्षा है।
यदि आपने अभी तक कोई चालान नहीं भरा है तो देरी न करें, क्योंकि आने वाले दिनों में चालान को नजरअंदाज करना
नियमों का पालन करें, ईमानदारी से जुर्माना भरें – ताकि न आपकी जेब खाली हो और न सुरक्षा में चूक हो।
“सुरक्षित ड्राइविंग, सुरक्षित जीवन – चालान से पहले चेत जाएं।”