एसी पानी: गर्मियों में ठंडक पाने के लिए एयर कंडीशनर (AC) सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सुविधा बन चुकी है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि AC से एक पाइप के जरिए लगातार जो पानी बाहर निकलता है, वह आखिर होता क्या है? कुछ लोग इसे यूं ही फेंक देते हैं, कुछ गार्डनिंग या पोछे के लिए इस्तेमाल करते हैं और कुछ इसके बारे में सोचते हैं कि क्या इससे नहाया जा सकता है?
इस सवाल का जवाब जानना जरूरी है, क्योंकि यह सीधे आपके स्वास्थ्य और त्वचा (स्किन) से जुड़ा हुआ है. आइए, जानते हैं विशेषज्ञों और रिसर्च के आधार पर AC के अपशिष्ट जल (Condensate Water) का सच.
AC का पानी हवा में मौजूद नमी से बनता है. जब गर्म और नमी युक्त हवा कूलिंग कॉइल से टकराती है, तो उसमें मौजूद वॉटर वेपर ठंडा होकर पानी में बदल जाता है. इस पानी को कंडेनसेट वॉटर कहा जाता है.
यह दिखने में भले ही बिल्कुल साफ और ठंडा लगे, लेकिन अंदर से इसमें कई प्रकार के हानिकारक तत्व छिपे हो सकते हैं.
रिसर्च के अनुसार, कंडेनसेट वाटर में मिनरल्स बहुत कम होते हैं, यानी यह सॉफ्ट वॉटर होता है. परंतु यदि इसे गलत तरीके से इकट्ठा किया जाए तो इसमें धूल, बैक्टीरिया, मेटल आयन (जैसे तांबा या एल्युमिनियम) और यहां तक कि फंगस भी पनप सकते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पानी साफ दिखने के बावजूद स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, खासकर तब जब इसे स्टोर करके उपयोग में लाया जाए.
हालांकि नहाने के लिए यह पानी सुरक्षित नहीं है, परंतु कुछ घरेलू कामों में इसे उपयोगी माना जा सकता है:
कुछ लोग पूछते हैं कि क्या किसी फिल्टरिंग सिस्टम से AC के पानी को इतना साफ किया जा सकता है कि वह स्नान के लिए योग्य हो?