कृषि सब्सिडी योजना: कोडरमा जिले में किसानों की सहूलियत और खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत कृषि उपकरण बैंक की स्थापना की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत और समूह आधारित किसानों को कृषि यंत्रों और मशीनों पर 80% तक अनुदान दिया जाएगा. योजना का संचालन कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है.
जिला कृषि संरक्षण पदाधिकारी हिमांशु कुमार ने जानकारी दी कि यह पहल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत लागू की जा रही है. इसके अंतर्गत जिले में 10 ग्राम स्तरीय कृषि उपकरण बैंक स्थापित किए जाएंगे, जिसकी प्रत्येक इकाई की लागत 10 लाख रुपये होगी. इस लागत पर 80 प्रतिशत यानी अधिकतम 8 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाएंगे.
इसके साथ ही लगभग 230 व्यक्तिगत कृषि यंत्र और मशीन उपकरण भी किसानों को अनुदान पर दिए जाएंगे. यह पहल खासकर उन किसानों को लक्षित करती है जो आधुनिक तकनीक की मदद से खेती में उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं.
योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर, पावर टिलर, पावर वीडर, केज व्हील, राइस ट्रांसप्लांटर, कल्टीवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर, पैडी थ्रेशर, रोटावेटर, सीड ड्रिल, मिनी राइस मिल, मैन्युअल स्प्रेयर, सोलर पावर स्प्रेयर, और पोर्टेबल इरिगेशन पंप जैसे अत्याधुनिक उपकरण दिए जाएंगे. ये उपकरण खेत की जुताई से लेकर सिंचाई और फसल कटाई तक हर चरण में उपयोगी हैं.
इच्छुक लाभुकों को योजना का लाभ लेने के लिए पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र जमा करना होगा, जिसे जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस, डीडीएम नाबार्ड के माध्यम से या सीधे जिला संयुक्त कृषि कार्यालय में समर्पित किया जा सकता है.
इस योजना में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी. खासतौर पर उन समूहों को चयन में वरीयता मिलेगी जिनमें कम से कम एक सदस्य के पास वैध ट्रैक्टर ड्राइविंग लाइसेंस हो और समूह के पास 10 एकड़ से अधिक खेती योग्य भूमि हो.
इस योजना से न केवल किसानों की लागत में कमी आएगी, बल्कि वे आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करके अधिक उत्पादन कर पाएंगे. इसके अलावा, यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक सशक्त कदम है.
झारखंड सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए और उन्हें तकनीक के जरिए सशक्त बनाया जाए. इसके लिए कृषि यंत्रों की सुलभता और वित्तीय सहायता जरूरी है, जिसे यह योजना पूरा करती है.