राजस्थान की 247 कृषि मंडियों में कामकाज फिर से शुरू हो गया है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर तेल मिलों, दाल मिलों, आटा मिलों और मसाला उद्योगों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार कृषक कल्याण शुल्क को घटाकर मात्र 50 पैसे कर देगी। सरकार के इस फैसले के बाद राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ समेत अन्य संगठनों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।
एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि सभी व्यापारियों ने राज्य हित और किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही राज्य की सभी कृषि उपज मंडियां पहले की तरह सुचारू रूप से काम करने लगी हैं।
1 जुलाई से लागू हुई फीस संबंधी अधिसूचना
इससे पहले राज्य सरकार ने 1 जुलाई से मंडी में व्यापार पर 1 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके विरोध में व्यापारियों ने 2 जुलाई से पूरे राज्य की मंडियों में खरीद-फरोख्त बंद कर दी थी। व्यापारियों की मुख्य मांग थी कि शुल्क की दर न्यूनतम रखी जाए, ताकि व्यापार पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और किसानों को भी असुविधा न हो।