अंपायर ने की जायसवाल की मदद तो बेन स्टोक्स को आया गुस्सा, बीच मैच में की जोरदार बहस
TV9 Bharatvarsh July 05, 2025 07:42 AM

भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन टेस्ट में लगातार रोमांचक खेल देखने को मिला है. दोनों टीम की ओर से इस मैच की पहली-पहली पारियों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला. फिर भी टेस्ट के शुरुआती 3 दिनों में ही टीम इंडिया ने मेजबान टीम पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली. इसका असर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स पर भी दिखने लगा, जो धीरे-धीरे कर अपना आपा खोने लगे. मैच के दूसरे दिन रवींद्र जडेजा की शिकायत करने वाले स्टोक्स तीसरे दिन तो अंपायर से ही बहस करने लगे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि टीम इंडिया की दूसरी पारी के दौरान अंपायर ने DRS के मामले में भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का साथ दिया.

पूरा मामला क्या है, विस्तार से समझाते हैं. तीसरे दिन के आखिरी सेशन में टीम इंडिया ने इंग्लैंड की पहली पारी को 407 रन पर निपटा दिया था. इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाजी शुरू की, जहां उसे पहले ही 180 रन की बढ़त मिल गई थी. इस बढ़त को और बड़ा बनाने के लिए यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी ने पॉजिटिव अंदाज में शुरुआत की और बाउंड्री की बारिश कर दी. सिर्फ 8वें ओवर तक ही भारत के 50 रन भी पूरे हो गए थे.

इस बात पर हुआ बवाल, स्टोक्स ने की बहस

8वें ओवर में इंग्लैंड के पेसर जॉश टंग आए, जिनकी चौथी गेंद पर जायसवाल के खिलाफ LBW की अपील हुई. अंपायर ने बिना किसी परेशानी के इसे आउट करार दिया. ऐसे में जायसवाल तुरंत ही राहुल के पास पहुंचे और चर्चा करने लगे कि क्या उन्हें DRS की मदद लेनी चाहिए या नहीं. आखिरकार दोनों में सहमति बनी और उन्होंने DRS का इशारा कर दिया. मगर उनके इशारे से पहले ही 15 सेकेंड की समयसीमा खत्म हो चुकी थी. यहां तक कि 1 सेकेंड अतिरिक्त समय हो चुका था, जब जायसवाल ने अपील की. मगर फिर भी अंपायर ने इसे स्वीकार कर लिया और थर्ड अंपायर तक मामले को पहुंचा दिया.

बस यही बात इंग्लैंड के कप्तान को पसंद नहीं आई. स्टोक्स ने सीधे जोर-जोर से ‘नो-नो’ बोलते हुए अंपायर के पास पहुंच गए और उनसे बहस करने लगे कि जायसवाल ने 15 सेकेंड पूरे होने के बाद अपील की. स्टोक्स की दलील थी कि समय सीमा पूरी होने के बाद DRS नहीं लिया जा सकता. नियमों के हिसाब से स्टोक्स की दलील एकदम सही थी लेकिन यहीं पर एक अहम पहलू को वो भूल गए. असल में DRS नियमों के तहत अंपायर को ये छूट है कि वो एक-आध सेकेंड की देरी के बाद की जाने वाली DRS की अपील की स्वीकार कर सकते हैं या नकार सकते हैं. ये कोई पहला मौका नहीं था, जब किसी खिलाड़ी या टीम की ऐसी अपील को स्वीकार किया गया है.

इंग्लैंड को ही हो गया फायदा

आखिरकार अंपायर ने स्टोक्स को समझाया और फिर दूसरे अंपायर से चर्चा के बाद जायसवाल की अपील को थर्ड अंपायर तक भेजा. अंत में फायदा इंग्लैंड का ही हुआ क्योंकि थर्ड अंपायर ने भी मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा. रिप्ले में साफ दिखा कि जायसवाल के खिलाफ 3 लाल बत्ती जल चुकी थीं. यानि न सिर्फ वो आउट हुए, बल्कि भारत ने अपना एक रिव्यू भी गंवा दिया. ये अलग बात है कि अगर रिव्यू में फैसला पलट जाता और जायसवाल को नॉट आउट दिया जाता तो ये इस मैच का सबसे बड़ा विवाद बन जाता. ऐसे में अंपायर ने भी राहत की सांस ली होगी.

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