भगोड़े हीरा व्यापारी निरव मोदी के छोटे भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। 46 वर्षीय नेहल, जो परिवार के अंतरराष्ट्रीय हीरा व्यापार का हिस्सा हैं, भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा वांछित हैं। उन पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से प्राप्त ऋणों को अपने भाई की मदद से डायवर्ट करने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नेहल, जो बेल्जियम के नागरिक हैं, के खिलाफ कुछ साल पहले इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, लेकिन वर्तमान में उनका नाम इंटरपोल की वेबसाइट पर नहीं है।
निरव मोदी की कानूनी स्थिति
नेहल के भाई, 54 वर्षीय निरव मोदी, मार्च 2019 से ब्रिटेन की जेल में हैं, जहां उन्हें भारत के प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। निरव अब तक भारत में प्रत्यर्पित होने से बचते रहे हैं। दूसरी ओर, नेहल को भी धोखाधड़ी के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 2020 में उन्हें विश्व की सबसे बड़ी हीरा कंपनियों में से एक, एलएलडी डायमंड्स यूएसए से 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक के हीरे धोखाधड़ी से प्राप्त करने का दोषी पाया था।
न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी का मामला
न्यूयॉर्क के अभियोजक कार्यालय के अनुसार, 2015 में नेहल ने एलएलडी डायमंड्स से अनुकूल क्रेडिट शर्तों पर 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक के हीरे प्राप्त किए। उन्होंने झूठा दावा किया कि वे थोक विक्रेता कॉस्टको के साथ सौदा कर रहे हैं, जो इन हीरों को खुदरा बिक्री के लिए खरीदना चाहता है। अभियोजक ने कहा, “नेहल ने एलएलडी को झूठा बताया कि कॉस्टको ने हीरे खरीदने के लिए सहमति दी है, जिसके बाद एलएलडी ने उन्हें क्रेडिट पर हीरे दिए। पूर्ण भुगतान 90 दिनों के भीतर करना था। लेकिन नेहल ने इन हीरों को अल्पकालिक ऋण प्राप्त करने के लिए गिरवी रख दिया।
इस बीच, उन्होंने एलएलडी को कुछ भुगतान किया, लेकिन अधिकांश आय का उपयोग निजी खर्चों के लिए किया।” जब एलएलडी ने तत्काल भुगतान की मांग की, तब तक नेहल सभी हीरे बेच चुके थे या गिरवी रख चुके थे और अधिकांश आय खर्च कर चुके थे। इसके बाद कंपनी ने मैनहट्टन जिला अभियोजक को धोखाधड़ी की शिकायत की। नेहल का नाम निरव मोदी और परिवार की अमेरिका में दिवालिया कार्यवाही में भी शामिल है।
पीएनबी घोटाले में भूमिका
2019 में इंटरपोल ने नेहल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जब ईडी ने पीएनबी घोटाले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें निरव मोदी मुख्य आरोपी हैं। नेहल पर निरव की मदद से धन को शेल कंपनियों में डायवर्ट करने का आरोप है। अमेरिका के मामले में भी उनकी कार्यप्रणाली पीएनबी घोटाले से बहुत अलग नहीं थी।
नेहल की गिरफ्तारी के बाद अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी, जहां वे जमानत की मांग कर सकते हैं। मैनहट्टन जिला अभियोजक ने एलएलडी डायमंड्स मामले में कहा था, “हो सकता है हीरे हमेशा के लिए हों, लेकिन यह दोषपूर्ण योजना नहीं थी।” ईडी और सीबीआई को अब अमेरिकी अदालतों में नेहल के प्रत्यर्पण के लिए मजबूत मामला पेश करना होगा। उनकी बेल्जियम नागरिकता भी इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है।