झारखंड में कोयला खदान ढहने की घटना: शनिवार की सुबह झारखंड के रामगढ़ जिले के कर्मा क्षेत्र में एक कोयला खदान का हिस्सा ढह गया, जिससे एक व्यक्ति की जान चली गई और कई अन्य लोग मलबे में फंसे होने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। यह घटना सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के क्षेत्र में हुई है, और प्रारंभिक जांच में अवैध खनन की संभावना जताई जा रही है।
रामगढ़ के डिप्टी कमिश्नर फैज अक अहमद मुमताज ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, "हमें सुबह इस घटना की सूचना मिली। मामले की जांच के लिए एक प्रशासनिक टीम को मौके पर भेजा गया है।" बचाव कार्यों की निगरानी के लिए प्रशासनिक टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं, और एक शव मलबे से निकाला जा चुका है। कुजू पुलिस चौकी के प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह ने बताया, "अभी तक एक शव बरामद किया गया है और बचाव अभियान जारी है, क्योंकि अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है।"
अवैध खनन का गंभीर आरोप:
रामगढ़ के एसडीएम अनुराग तिवारी ने इस घटना को अवैध खनन से जोड़ा है। उन्होंने कहा, "यह घटना सीसीएल की सीमा में हुई है। हम खदान के ढहने की जगह पर पहुंच गए हैं। सभी पहलुओं से जांच की जा रही है, ताकि कारण, हताहतों और चोटों का पता लगाया जा सके। यह सीसीएल में अवैध खनन का मामला है।" यह खुलासा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय अवैध खनन के नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सवाल:
इस घटना ने राजनीतिक हलचल को भी जन्म दिया है। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोरेन सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "खनन के लिए लोगों की जान जोखिम में डाली जाती है और जब खदानें ढह जाती हैं, तो लोग अपनी जान गंवा देते हैं। यह सब प्रशासन की निगरानी में होता है। अवैध कोयला खनन में कई माफिया शामिल हैं, जो संगठित तरीके से काम करते हैं। सरकार को सब पता है।" मरांडी की टिप्पणी ने अवैध खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग को और तेज कर दिया है।
बचाव कार्य और भविष्य की दिशा:
फिलहाल, बचाव टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। प्रशासन ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि हादसे के कारणों और अवैध खनन के नेटवर्क का पता लगाया जा सके। यह घटना न केवल सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करती है, बल्कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त नीतियों की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।