बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य जोरों पर चल रहा है, जिसमें बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षक, सभी चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए और स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए.
शनिवार शाम 6 बजे तक 1,04,16, 545 गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, जो 24 जून 2025 तक बिहार में कुल नामंकित 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं का 13.19 प्रतिशत है. वितरित किए गए फॉर्मों का प्रतिशत आंकड़ा भी बढ़कर 93.57 प्रतिशत हो गया है, जिसमें 7,38,89,333 फॉर्म पहले ही वितरित किए जा चुके हैं.
क्या है चुनाव आयोग की तैयारी?लगभग 77,895 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना फॉर्म भरने और उन्हें एकत्र करने में मदद कर रहे हैं. बड़ी संख्या में बीएलओ मतदाताओं की लाइव तस्वीरें ले रहे हैं और उन्हें अपलोड कर रहे हैं, जिससे मतदाताओं को अपनी तस्वीरें क्लिक कराने की परेशानी से छुटकारा मिल रहा है.
ईसीआई पोर्टल से डाउनलोड करें फॉर्मआंशिक रूप से भरे गए फॉर्म ईसीआई पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) के साथ-साथ भारतीय निर्वाचन आयोग नेटवर्क (ईसीआईएनईटी) ऐप पर भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं और भरे हुए फॉर्म को मतदाता स्वयं ईसीआईएनईटी ऐप पर अपलोड कर सकते हैं. इसके अलावा, प्रक्रिया को सुचारू रूप से और समय पर पूरा करने के लिए 20,603 बीएलओ नियुक्त किए जा रहे हैं.
4 लाख स्वयंसेवक भी कर रहे कामसरकारी अधिकारियों, एनसीसी कैडेटों, एनएसएस सदस्यों आदि सहित लगभग 4 लाख स्वयंसेवक भी एसआईआर प्रक्रिया में बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमार और अन्य लोगों की सुविधा के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा, 239 ईआरओ, 963 एईआरओ, 38 डीईओ और राज्य के सीईओ मतदाताओं को उनके फॉर्म जमा करने में सुविधा प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर मौजूद हैं.
एसआईआर प्रक्रिया में सहयोगभारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) भी एसआईआर प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग प्रदान कर रहे हैं. सभी के सहयोग से और पूरी पारदर्शिता के साथ, बिहार की मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण तय समय सीमा में ही पूर्ण किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायरवहीं योगेंद्र यादव ने बिहार में मतदाता सूची के नए सिरे से पुनरीक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में 24 जून के आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है, जिसमें डीनोवो वोटर लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है. योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि यह प्रक्रिया मनमानी और गैरकानूनी है, जिससे महिलाओं, प्रवासियों और गरीबों के मताधिकार पर खतरा है.