स्कूल की छुट्टी: जहां एक ओर यूपी, बिहार और राजस्थान जैसे मैदानी राज्यों में गर्मी की छुट्टियां खत्म होने की कगार पर हैं, वहीं दूसरी ओर कश्मीर घाटी में तपिश का कहर जारी है. इसी को देखते हुए, कश्मीर के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 23 जून से 7 जुलाई 2025 तक गर्मी की छुट्टियों का ऐलान किया है. 8 जुलाई मंगलवार को दोबारा खुलेंगे सभी स्कूल.
शनिवार को कश्मीर के स्कूल शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया कि यह छुट्टियां हायर सेकेंडरी स्तर के सभी सरकारी व निजी स्कूलों पर लागू होंगी. आदेश में यह भी कहा गया कि यह निर्णय सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद लिया गया है.
कश्मीर घाटी, जो आमतौर पर अपनी ठंडक और सुहावने मौसम के लिए जानी जाती है, इस बार अत्यधिक गर्मी की चपेट में है. श्रीनगर में शुक्रवार को तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि सामान्य से 6.3 डिग्री अधिक था. यह पिछले दो दशकों में जून का सबसे गर्म दिन साबित हुआ.
गर्मी सिर्फ दिन में ही नहीं, रातों में भी रिकॉर्ड तोड़ रही है. श्रीनगर में शुक्रवार की रात का तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1990 के बाद सबसे अधिक रात्रि तापमान था. इससे पहले 29 जून 1978 को 24.6 डिग्री रात का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया था.
पहले जहां हीटवेव को मैदानी राज्यों तक ही सीमित माना जाता था, अब कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में भी लू जैसे हालात देखे जा रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है और इससे जनजीवन, शिक्षा व कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
इस तरह के भीषण तापमान को ध्यान में रखते हुए, स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां घोषित करना एक समयबद्ध और स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है. इससे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वास्थ्य जोखिम से कुछ राहत मिलेगी.
गर्मी के कारण कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में भी अब छात्रों के लिए गर्मी की छुट्टियां जरूरी हो गई हैं. इससे पहले अधिकांश मामलों में केवल सर्दियों में छुट्टियां घोषित होती थीं. यह बदलाव दर्शाता है कि कैसे मौसम का स्वरूप पूरी तरह बदलता जा रहा है.
इस बढ़ती गर्मी के पीछे एक प्रमुख कारण ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है. यदि समय रहते वन संरक्षण, ग्रीन जोन विस्तार और पर्यावरणीय जागरूकता जैसे उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.