खुले मवेशी प्रतिबंध: हरियाणा सरकार ने एक सख्त फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पालतू गाय-बैलों को सड़कों पर खुला छोड़ना अब अपराध माना जाएगा. यह निर्णय राज्य में बढ़ते सड़क हादसों और जनसुरक्षा के खतरे को देखते हुए लिया गया है. सरकार की मंशा साफ है – अव्यवस्थित गोवंश प्रबंधन पर लगाम कसना और पशुओं के साथ क्रूरता को रोकना.
हरियाणा सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि जो लोग अपने पालतू गायों या बैलों को सड़कों पर खुला छोड़ते हैं, उनके खिलाफ अब सीधे FIR दर्ज की जाएगी. यह फैसला ऐसे मामलों में तीव्र और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. इससे जनता की सुरक्षा, वाहनों की आवाजाही में सुगमता, और पशुओं के हितों की रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं को साधा गया है.
सरकार द्वारा दिए गए आदेशों के पालन में गुरुग्राम, हिसार और पंचकूला जिलों में अब तक पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आधा दर्जन से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं. इन मामलों में गोपालकों द्वारा:
राज्य सरकार ने इस मामले में तीन चरणों की सख्त प्रक्रिया तय की है:
हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू गोवंश को सड़कों पर खुला छोड़ता है या उनके साथ अमानवीय व्यवहार करता है, तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें. सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और दोषी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
हरियाणा में कुल 686 गोशालाएं संचालित हो रही हैं, जो बेसहारा गोवंश को सुरक्षित आश्रय देने का कार्य कर रही हैं. गौ सेवा आयोग के गठन के बाद सड़कों पर घूमते पशुओं को गोशालाओं में भेजने की प्रक्रिया तेज की गई है.
शुरुआत में राज्य में 1.5 लाख बेसहारा गोवंश सड़कों पर घूम रहे थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 30 हजार के आसपास पहुंच चुकी है. यह इस बात का संकेत है कि सरकारी प्रयास असरदार हो रहे हैं.
हरियाणा सरकार का स्पष्ट मानना है कि पशु केवल अर्थव्यवस्था या श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि उनके साथ सहानुभूति और संवेदनशीलता से व्यवहार करना हर नागरिक का कर्तव्य है. गोवंश की बेहतरी और यातायात व्यवस्था दोनों को सुधारने की दिशा में यह पहल एक मजबूत कदम है.
जो गोपालक अभी भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि अब अधिकारियों की नजरें सख्त हो चुकी हैं. स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र में निगरानी रखें और जहां कहीं भी पालतू पशु खुले में छोड़े जाएं, वहां तत्काल कार्रवाई की जाए.
जब किसी गोपालक के खिलाफ FIR दर्ज होती है तो:
सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं बल्कि समाज की भलाई सुनिश्चित करना है. यदि सभी गोपालक अपने पालतू पशुओं की उचित देखभाल करें, उन्हें समय पर चारा-पानी दें और सुरक्षित स्थानों पर रखें, तो न सिर्फ सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि पशुओं की स्थिति भी सुधरेगी.