2000 करोड़ रुपये के Travel Food Services IPO का GMP, सब्सक्रिप्शन और अन्य डिटेल्स चेक करें

मुंबई स्थित ट्रैवल फूड सर्विसेज (TFS) का 2000 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 7 जुलाई को खुल चुका है। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिससे प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 100% से घटकर 86.2% रह जाएगी।
ट्रैवल फूड सर्विसेज आईपीओ सब्सक्रिप्शन स्टेटससब्सक्रिप्शन के पहले दिन यह इश्यू 11 प्रतिशत सब्सक्राइब हुआ। इसे रिटेल कैटेगरी में 15 प्रतिशत, एनआईआई कैटेगरी में 14 प्रतिशत और क्यूआईबी कैटेगरी में 7 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला था।
दूसरे दिन सुबह 11:30 बजे तक यह इश्यू 16 प्रतिशत बुक हो चुका है। इसे रिटेल कैटेगरी में 22 प्रतिशत, एनआईआई कैटेगरी में 14 प्रतिशत और क्यूआईबी कैटेगरी में 7 प्रतिशत बुक किया जा चुका है।
ट्रैवल फूड सर्विसेज आईपीओ जीएमपीबाजार सूत्रों के अनुसार ग्रे मार्केट में ट्रैवल फूड सर्विसेज के शेयर 16 रुपये प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं जो कि कैप प्राइस से 1.45 प्रतिशत अधिक है। इस इश्यू का उच्चतम जीएमपी 92 रुपये रह चुका है, लेकिन इश्यू खुलने के बाद यह तेजी से नीचे आया है।
ट्रैवल फूड सर्विसेज आईपीओ प्राइस बैंड और न्यूनतम निवेश राशिइस इश्यू के लिए कंपनी ने प्रति शेयर प्राइस बैंड 1045 रुपये से 1100 रुपये निर्धारित किया है। एक लॉट में 13 शेयर शामिल हैं, यानी रिटेल निवेशकों को कम से कम 13,585 रुपये का निवेश करना होगा। वहीं, sNII श्रेणी में 14 लॉट यानी 182 शेयरों के लिए लगभग 2,00,200 रुपये का निवेश आवश्यक है। इस आईपीओ में कर्मचारियों के लिए 40,382 शेयरों का आरक्षण रखा गया है, जिन्हें इश्यू प्राइस से 104 रुपये की छूट पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह कर्मचारी वर्ग को विशेष लाभ देने की दिशा में कंपनी का एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
ट्रैवल फूड सर्विसेज आईपीओ टाइमलाइनकंपनी का आईपीओ 7 जुलाई 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है और इसकी अंतिम तिथि 9 जुलाई 2025 तय की गई है। इस आईपीओ का शेयर अलॉटमेंट 10 जुलाई 2025, गुरुवार को तय होने की संभावना है। इसके बाद कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई पर 14 जुलाई 2025, सोमवार को सूचीबद्ध हो सकते हैं।
कंपनी क्या करती है?ट्रैवल फूड सर्विसेज़ भारत की सबसे बड़ी एयरपोर्ट फूड और लाउंज सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। इसे यूके की SSP ग्रुप और कपूर फैमिली ट्रस्ट द्वारा प्रमोट किया गया है। कंपनी के पास कुल 413 आउटलेट्स हैं, जिनमें से 384 एयरपोर्ट्स पर स्थित हैं।
कंपनी 14 भारतीय एयरपोर्ट्स और तीन विदेशी (मलेशिया और हांगकांग) एयरपोर्ट्स पर मौजूद है। इसके अलावा कंपनी देश के 10 डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स पर 28 प्राइवेट लाउंज सहित कुल 37 लाउंज का संचालन करती है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेटर बनाता है।
वित्तीय प्रदर्शनकंपनी ने FY23 से FY25 के बीच राजस्व में 26% और शुद्ध लाभ में 23% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। FY25 में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 1687.7 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 1067.2 करोड़ रुपये रहा। EBITDA भी 21.5% की दर से बढ़ा, लेकिन EBITDA मार्जिन FY23 के 42.9% से घटकर FY25 में 40.1% रह गया।
हालांकि एक अहम बात यह है कि FY25 में कंपनी का like-for-like (LFL) सेल्स ग्रोथ सिर्फ 4.6% रहा, जबकि FY23 में यह आंकड़ा 166.6% था। इसका मुख्य कारण नए टर्मिनल्स की शुरुआत है, जिससे पुराने टर्मिनल्स की यात्रियों में गिरावट आई।
जोखिम: रेवेन्यू केंद्रित और एयर ट्रैफिक पर निर्भरता
TFS की कुल आय का 86% हिस्सा सिर्फ 5 प्रमुख एयरपोर्ट्स से आता है, जिससे इसका बिजनेस बहुत सीमित और केंद्रित हो जाता है। इसके अलावा, कंपनी का पूरा व्यापार हवाई यात्रा की संख्या पर निर्भर है। महामारी जैसी स्थितियों में यह एक बड़ा जोखिम हो सकता है।
हालांकि कंपनी की कैश साइकिल अच्छी मानी जाती है क्योंकि ग्राहकों से एडवांस में भुगतान मिलता है, जबकि सप्लायर को बाद में भुगतान किया जाता है, जिससे वर्किंग कैपिटल निगेटिव में है, जो एक पॉजिटिव संकेत है।
वैल्यूएशन: निवेशक करें सतर्कता से मूल्यांकनTFS ने अपने IPO के तहत जो वैल्यूएशन पेश किया है, उसके अनुसार FY25 के नेट प्रॉफिट और पोस्ट-IPO इक्विटी को आधार बनाकर इसका P/E रेशियो लगभग 38 तक बैठता है।
कंपनी का कोई सीधा लिस्टेड QSR प्रतिस्पर्धी नहीं है। अन्य सूचीबद्ध कंपनियों जैसे जुबिलेंट फूडवर्क्स, देवयानी इंटरनेशनल और सैफायर फूड्स से इसकी तुलना केवल P/S रेशियो के आधार पर की जा सकती है, जो 2 से 8 के बीच है, जबकि TFS का P/S रेशियो 8 है।
TFS की मजबूत वित्तीय स्थिति और संगठित बिजनेस मॉडल इसे आकर्षक बनाता है, लेकिन इसकी सीमित ग्राहक विविधता और एयर ट्रैफिक पर निर्भरता इसे एक हाई रिस्क इन्वेस्टमेंट बनाती है। केवल उन्हीं निवेशकों को इसमें भाग लेना चाहिए जो जोखिम सहन करने की क्षमता रखते हों और लंबी अवधि के नजरिए से सोचते हों।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)