
व्यापार समझौतों की संभावनाएं अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्टीवन म्नुचिन ने संकेत दिया है कि अमेरिका 9 जुलाई की टैरिफ वृद्धि की समय सीमा से पहले कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर सकता है। उनके इस बयान ने वैश्विक व्यापार क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि अमेरिका 'निष्पक्ष व्यापार' के अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।
म्नुचिन ने बताया कि अमेरिका का उद्देश्य व्यापार में समानता लाना है। वे उन देशों पर शुल्क बढ़ा रहे हैं जो अमेरिकी कंपनियों से बौद्धिक संपदा की चोरी करते हैं, अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार नहीं खोलते, या अमेरिकी कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार वार्ताओं में "महत्वपूर्ण प्रगति" हुई है और "बहुत उपयोगी बातचीत" जारी है।
ट्रेजरी सचिव ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में "बहुत बड़ी चीजें होने वाली हैं" और "अच्छी चीजें हो रही हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका केवल मौजूदा समझौतों पर ध्यान नहीं दे रहा है, बल्कि नए व्यापार समझौतों पर भी सक्रियता से काम कर रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई बड़े देश अमेरिका की व्यापार नीतियों पर ध्यान दे रहे हैं।
9 जुलाई की समय सीमा के नजदीक आने के साथ, वैश्विक व्यापार समुदाय की नजरें अब अमेरिकी सरकार के अगले कदमों पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नए व्यापार समझौते वैश्विक व्यापार परिदृश्य को कैसे प्रभावित करते हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर उनका क्या असर होता है।