नि: शुल्क स्मार्टफोन YOJANA 2025: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाखों युवाओं को स्मार्टफोन वितरित करने की योजना पर फिर से विचार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर जल्द अंतिम फैसला ले सकते हैं. प्रस्ताव के अनुसार युवाओं को करीब 10 हजार रुपये कीमत के स्मार्टफोन मुफ्त में दिए जा सकते हैं.
औद्योगिक विकास विभाग ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण को लेकर नया प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होना है.
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने विभाग की निष्क्रियता पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि घोषणा और बजटीय प्रावधान के बावजूद विभाग ने स्मार्टफोन वितरण योजना पर काम नहीं किया, जिससे 3100 करोड़ रुपये का बजट लैप्स हो गया और युवाओं को निराशा मिली.
विभागीय सूत्रों के अनुसार स्मार्टफोन वितरण की उपयोगिता को लेकर ऊपरी स्तर पर संदेह जताया गया था, जिसके चलते योजना धीमी पड़ गई. हालांकि टैबलेट वितरण का काम पिछले वर्ष ही पूरा कर लिया गया था. अब कैबिनेट यह तय करेगी कि दोनों डिवाइस बांटे जाएं या केवल टैबलेट.
मंत्री ने विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं और नीतियों के खिलाफ काम कर रहे हैं. यह भी आरोप लगाया गया कि विभागीय अफसर महीनों तक फाइलें लंबित रखते हैं.
लखनऊ लीडा मास्टर प्लान 2040 में ग्रीन बेल्ट न छोड़ने का मुद्दा भी मंत्री ने उठाया. वहीं, विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस प्लान को मंत्री ने ही अप्रूवल दिया था.
विभाग ने तय किया है कि मंत्री द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर मुख्यमंत्री कार्यालय को बिंदुवार जवाब भेजा जाएगा. इसके लिए संबंधित प्राधिकरणों और अनुभागों से जानकारी संकलित की जा रही है.
मंत्री ने बताया कि कई अहम फाइलें पहले भेजी गईं. लेकिन बाद में कहा गया कि वो फाइलें मिल नहीं रही. बाद में उन्हीं मुद्दों पर नई फाइलें तैयार कर प्रस्तुत कर दी गईं. उन्होंने सवाल उठाया कि मूल पत्रावली आखिर कहां गई?
मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं और उनके तबादले नहीं किए जा रहे. जबकि कुछ का बिना कारण तबादला किया गया. विभाग का कहना है कि तबादले शासन की तय नीति के अनुरूप ही किए जाएंगे.
मंत्री ने सवाल किया कि सिंगल विंडो एक्ट जिसकी घोषणा काफी पहले की गई थी. अब तक क्यों नहीं बना. इसकी वजह से निवेशकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विभाग ने कहा कि इस पर कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.