विद्यासागर यूनिवर्सिटी इन दिनों एक विवाद की वजह सुर्खियों में है. वेस्ट बंगाल में स्थित विद्यासागर यूनिवर्सिटी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आतंकवादी बताया है, जिसके बाद देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया है. हालांकि कुलपति ने सामने आकर इसके लिए माफी मांगी है और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आंतकवादियों बताने से संबंधित जिम्मेदारियों अधिकारियों को पद से हटा दिया है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है. विद्यासागर यूनिवर्सिटी ने किस मंच में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आंतकवादी कहा है?
सेमेस्टर परीक्षा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को बताया आतंकीविद्यासागर यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आंतकवादी बताया गया है. यूनिवर्सिटी की तरफ से आयोजित इतिहास विषय की छठे सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न पत्र में स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकी बताया गया है. असल में प्रश्न पत्र में सवाल पूछा गया था कि “मिदनापुर के उन तीन जिलाधिकारियों के नाम बताइए, जिनकी आतंकवादियों ने हत्या की थी?” इस सवाल को लेकर बहस छिड़ गई है, जिसमें बंगाल के साथ ही देश के कई लोग यूनिवर्सिटी पर स्वतंत्रता सेनानियों को ‘आतंकवादी’ कहने पर आपत्ति जता रहे हैं.
यूनिवर्सिटी ने जांच के लिए गठित की कमेटीसेमेस्टर परीक्षा में स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकी बताए जाने के बाद विवाद शुरू हो गया है. देशभर से लोग यूनिवर्सिटी की निंदा कर रहे हैं. वहीं इसको देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन भी सरेंडर मोड में आ गया है. एक तरफ जहां यूनिवर्सिटी ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है. तो वहीं दूसरी तरफ विद्यासागर यूनिवर्सिटी के कुलपति दीपक कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर माफी मांगी है. उन्होंने सेमेस्टर परीक्षा के सवाल को गलत बताते हुए कहा ये वादा किया कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं की हाेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को उनके पदों से भी हटा दिया गया है.
विद्यासागर यूनिवर्सिटी पर एक नजरविद्यासागर यूनिवर्सिटी पश्चिम बंगाल की एक अहम यूनिवर्सिटी है, जिसकी स्थापना 29 सितंबर 1981 में की गई थी. विद्यासागर यूनिवर्सिटी मेदिनीपुर से संचालित होती है, यूनिवर्सिटी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर कई कोर्स संचालित करती है. विद्यासागर यूनिवर्सिटी के अधीन बंगाल में 40 से अधिक महाविद्यालय संचालित होते हैं.
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