'नेता और जज की होनी चाहिए मोटी चमड़ी....' शशि थरूर के मोदी पर तंज को लेकर सुप्रीम कोर्ट का तीखा रिएक्शन
Samachar Nama Hindi August 02, 2025 01:42 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बयान देने के कारण मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी। कोर्ट ने कहा कि नेताओं और जजों को मोटी चमड़ी रखनी चाहिए। 2018 में शशि थरूर ने कहा था कि एक आरएसएस नेता ने नरेंद्र मोदी की तुलना 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' से की थी। इस बयान को लेकर भाजपा नेता राजीव बब्बर ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। शशि थरूर ने इस मामले की कार्यवाही रोकने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट में खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि आखिर सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों को इतना भावुक नहीं होना चाहिए। ऐसे बयानों को दिल पर नहीं लेना चाहिए। नवंबर 2018 में बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए शशि थरूर ने कहा था कि एक आरएसएस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी। उनके इस बयान पर विवाद हुआ था और हाईकोर्ट ने कहा था कि उनका बयान प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है। इस आधार पर उनके खिलाफ दायर मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया।

इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता राजीव बब्बर और शशि थरूर को यह मामला खत्म करने की सलाह दी। पीठ ने कहा, 'चलो इस पूरे मामले को खत्म करते हैं। इन बातों को लेकर इतना भावुक होने की क्या ज़रूरत है? प्रशासकों और न्यायाधीशों को मोटी चमड़ी रखनी चाहिए।' फिलहाल वकीलों ने जवाब देने के लिए समय मांगा है और अब अगली सुनवाई में मामले का भविष्य तय होगा। आपको बता दें कि बब्बर द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर करने के बाद निचली अदालत ने शशि थरूर को समन जारी किया था। शशि थरूर का कहना है कि मैंने जो कहा वह मेरा बयान नहीं था। दरअसल, यह बयान गोवर्धन झड़ापिया का था।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.