एनडीए ने तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह पद खाली था. रेस में कई नाम आए पर मुहर राधाकृष्णन के नाम पर लगी. बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में बाद जेपी नड्डा ने उनके नाम की आधिकारिक घोषणा की. आगामी 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान है. अगर सीपी राधाकृष्णन इस चुनाव को जीतते हैं तो वो तमिलनाडु से उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे व्यक्ति होंगे. तमिलनाडु से पहले दो उपराष्ट्रपति रह चुके हैं.
राधाकृष्णन से पहले तमिलनाडु से वीवी गिरि और आर. वेंकटरमण उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. वीवी गिरी 1967 से 1969 तक वे तमिलनाडु से पहले उपराष्ट्रपति थे और बाद में भारत के राष्ट्रपति भी बने. वहीं, इसी तरह आर. वेंकटरमण 1984 से 1987 तक उपराष्ट्रपति थे और बाद में वो भी देश के राष्ट्रपति बने. सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
CP राधाकृष्णन जीत तयसीपी राधाकृष्णन के जीतने की प्रबल संभवना है. चुनाव महज औपराचिकता होगी. यह इसलिए क्योंकि संसद में एनडीए के पास मजबूत स्ट्रेंथ है. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. राज्यों की विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होती. हालांकि, राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं. इस समय इस समय संसद में 782 सीटें हैं. लोकसभा में 543 में से एक सीट (पश्चिम बंगाल की बशीरहाट) खाली है. राज्यसभा में 245 में से 5 सीटें (4 जम्मू-कश्मीर, 1 पंजाब) खाली हैं.
जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 392 है. एनडीए को लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 134 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. कुल मिलाकर 427 वोट होता है. जीत के लिए चाहिए 392. इस हिसाब से जीत एनडीए की लगभग तय है. वहीं, विपक्ष के पास इतनी संख्या नहीं है कि वह एनडीए को चुनौती दे सके. लोकसभा में विपक्ष के पास 249 सांसद हैं और राज्यसभा में 106 यानी कुल 355 सांसद हुए. इस चुनाव को औपचारिकता माना जा रहा है जीत एनडीए यानी सीपी राधाकृष्णन तय मानी जा रही है.
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था. उनका कार्यकाल अगस्त 2027 को खत्म होना था, मगर इससे पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया.