जयपुर में सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं। इन दिनों रसोई में महंगाई की तपिश खाने के मसाले से कहीं ज़्यादा है। टमाटर गुस्से से लाल हो रहे हैं, अदरक करवटें बदलते हुए महंगाई का एहसास करा रहा है, और हरी मिर्च का तीखापन अब सिर्फ़ ज़बान पर ही नहीं, जेब में भी महसूस हो रहा है।
दरअसल, राजधानी जयपुर के थोक बाज़ारों से लेकर कॉलोनियों में रेहड़ी-पटरी वालों तक, त्योहारी सीज़न में सब्ज़ियों के ऊँचे दामों ने उपभोक्ताओं के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है। बारिश के मौसम में आपूर्ति कम होने और फसल खराब होने के कारण सब्ज़ियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसका असर दूसरे राज्यों से होने वाली आपूर्ति पर भी पड़ा है।
थोक बाज़ार पर असर
राजधानी की सबसे बड़ी थोक फल-सब्ज़ी मंडी मुहाना में माल की आवक आधी हो गई है। पहले जहाँ रोज़ाना 40-45 ट्रक टमाटर आते थे, अब घटकर 20 ट्रक रह गए हैं। जयपुर फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ, मुहाना टर्मिनल के अध्यक्ष योगेश तंवर के अनुसार, सोमवार को टमाटर का थोक भाव 50-55 रुपये प्रति किलो था। यह बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है, और सितंबर के दूसरे सप्ताह तक ही राहत मिलने की उम्मीद है। हरी मिर्च का थोक भाव 40 रुपये रहा। फिलहाल इसकी आपूर्ति मध्य प्रदेश के रतलाम से हो रही है। तंवर ने बताया कि गुजरात के राजकोट और सवाई माधोपुर से आपूर्ति शुरू होने के बाद कीमतों में थोड़ी कमी आ सकती है।