18 अगस्त 2025 को जयपुर के मंच की रंग-बिरंगी रोशनियों के बीच जब मनिका विश्वकर्मा को मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 का ताज पहनाया गया, तो यह सिर्फ़ एक खिताब नहीं था; यह एक छोटे से शहर की लड़की के लिए एक उल्लेखनीय यात्रा की शुरुआत थी। श्रीगंगानगर की इस साधारण लड़की ने अपने असाधारण दृढ़ संकल्प के दम पर एक ऐसी उपलब्धि हासिल की जिसका कई लोग केवल सपना ही देखते हैं।
मनिका की कहानी चमक-दमक से शुरू नहीं होती। उनका सफ़र भारत भर के छोटे शहरों की कई लड़कियों की तरह शुरू हुआ - आशा भरी आँखों और सामाजिक सीमाओं को लांघते कदमों के साथ। लेकिन उनके सपनों में एक अनोखी खूबी थी: उन्होंने इन सीमाओं को कभी अपने रास्ते में नहीं आने दिया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में मनिका की शिक्षा
मनिका अपनी शिक्षा के लिए राजस्थान से दिल्ली आईं, लेकिन यह सफ़र सिर्फ़ भौगोलिक नहीं था; यह आत्मविश्वास, शिक्षा और समाज सेवा से भरपूर आत्म-खोज का मार्ग था। दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र की पढ़ाई के दौरान, मनिका ने न केवल एक उत्कृष्ट छात्रा, बल्कि एक समाजसेवी और कलाकार भी साबित किया।
मनिका ने लॉन्च किया 'न्यूरोनोवा' प्लेटफ़ॉर्म
मनिका का जीवन सिर्फ़ ग्लैमर तक सीमित नहीं है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, उन्होंने 'न्यूरोनोवा' नामक एक प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया। यह प्लेटफ़ॉर्म एडीएचडी या ऑटिज़्म जैसे न्यूरोडायवर्जेंट व्यक्तियों को समाज में समझने और स्वीकार करने की दिशा में काम करता है। मनिका का मानना है कि ये स्थितियाँ "विकार" नहीं हैं, बल्कि सोचने और समझने के अनोखे तरीके हैं।