– एआई, डेटा एनालिटिक्स, आईओटी एवं एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर परियोजनाओं की ली जानकारीभोपाल, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में विदेशी निवेश और नवाचार को प्रोत्साहन देने के प्रयासों को नया आयाम मिला है। गुजरात इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट कार्पोरेशन के नेतृत्व एवं एमपीआईडीसी और आईएम ग्लोबल के सहयोग से जर्मनी की पाँच अग्रणी टेक कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल मध्य प्रदेश ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज प्रोग्राम-2025 में शामिल हुआ। प्रतिनिधिमंडल 22 अगस्त तक इंदौर और भोपाल के दौरे पर रहेगा।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने अपने मध्य प्रदेश दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को इंदौर में इनोवेशन लैब्स का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने एआई, डेटा एनालिटिक्स, आईओटी एवं एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर परियोजनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। शुरुआत डिजाइन थिंकिंग वर्कशॉप से हुई, जिसमें नवाचार एवं समस्या समाधान पर गहन चर्चा हुई। जिसमें मध्य प्रदेश एवं वैश्विक उद्यमों ने अपने अभिनव उत्पादों और तकनीकी समाधानों का प्रदर्शन किया तथा अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। कोलेबरेशन आन प्रोडक्ट इनोबेशन (Collaborating on Product Innovation) पर इंटरैक्टिव राउंडटेबल और द्विपक्षीय बैठकें एमपीआईडीसी में हुईं।
एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक आईएएस हिमांशु प्रजापति ने राउंडटेबल सत्र का नेतृत्व करते हुए कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, तकनीकी सहयोग एवं एंटरप्राइज विकास में सक्रिय और प्रेरक भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि आज का दिन मध्य प्रदेश और जर्मनी के प्रमुख एआई (AI) एवं IoT इनोवेटर्स के बीच साझेदारी की नई शुरुआत का प्रतीक है।
प्रजापति ने कहा कि समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्पष्ट है कि भारत में डेटा का डिजिटलीकरण अभी आरंभिक अवस्था में है, तथा डेटा की पुनरावृत्ति (data duplicity) दीर्घकाल में दक्षता को प्रभावित करती है। इसी कारण भारत आज एआई और डेटा-आधारित प्रक्रियाओं के एकीकरण पर विशेष बल दे रहा है। ऐसे समय में आपका भारत आना अत्यंत अवसरपूर्ण है। प्रजापति ने यह भी विशेष रूप से रेखांकित किया कि इंदौर में ऑपरेटिंग कॉस्ट अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में कहीं कम है, वहीं शहर की लिवेविलिटी उद्यमियों और निवेशकों को यहाँ काम करने के लिए और भी आकर्षक बनाती है।
प्रजापति ने यह भी उल्लेख किया कि जर्मन कंपनियों द्वारा विकसित अभिनव उत्पाद और भारत चाहे वह सरकार हो अथवा उद्योग की आवश्यकताओं में अद्भुत सामंजस्य एवं संभावित सामंजस्य (synchronization & synergies) निहित है। यही कारण है कि यह दौरा दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस कार्यक्रम में 50 से अधिक उद्यमियों ने भागीदारी की, जिनमें इंदौर के अग्रणी स्टार्टअप्स भी शामिल रहे। श्री सावन लढ्डा (वर्की) , नीलेश माहेश्वरी (एमोर्फिस टेक्नोलॉजीज), पूजा माहेश्वरी (समग्र टेक) और राज सिंह सेंगर (टेक्नोमेंसी) ने अपने इनोवेशन मॉडल्स और तकनीकी समाधानों तथा जर्मन कंपनियों के साथ संभावित सहयोग पर चर्चा की।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल की प्रतिक्रियाप्रतिनिधिमंडल में शामिल टाइलर्स, हैलोनिक, स्टेएक्स , मिकीटयूक, क्यू-नेक्ट-एजी और क्लाउड-स्क्विड (Tilers, Halonic, Stax, Q-Connect AG and Cloud Squid) जैसी अग्रणी कंपनियों ने इस कार्यक्रम को सकारात्मक और उपयोगी अनुभव बताया। उनके अनुसार भारतीय उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र की गतिशीलता, नवाचार क्षमता और अवसरों की प्रचुरता अत्यंत प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्यमी माहौल, युवा प्रतिभा और तकनीकी नवाचार उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया।
प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से इंदौर को नवाचार का उभरता हुआ केंद्र मानते हुए यहाँ अपना टेक्नोलॉजी/इनोवेशन सेंटर स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई और इसके लिए एमपीआईडीसी के साथ आगे की समन्वय प्रक्रिया पर सहमति व्यक्त की। जर्मन प्रतिनिधिमंडल में टाइलर्स के स्टीवन रैनविक, टैलोनिक के निकोलस, स्टेएक्स के एलेक्सजेन्ड्रा के मिकीटयूक, क्यू-नेक्ट-एजी के मटियास प्रोग्चा और क्लाउड-स्क्विड के फिलिप रेजमूश शामिल रहे।
सांध्यकालीन कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम को इंदौर के प्रमुख पर्यटन स्थलों-राजवाड़ा पैलेस, लालबाग पैलेस और सराफा बाजार का भ्रमण किया और स्थानीय संस्कृति एवं उपभोक्ता बाजार की विशेषताओं का अनुभव प्राप्त किया।
(Udaipur Kiran) तोमर