राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) हर सरकारी विभागों पर पैनी नजर बनाए हुए है। आम लोगों की शिकायतों के आधार पर छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारियों तक, जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस कार्रवाई का दायरा पुलिस, प्रशासन और न्यायालय से जुड़े कर्मचारियों तक फैला हुआ है।
ताजा मामला जालोर जिले से सामने आया है। यहां जिला अस्पताल के एक डॉक्टर को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि डॉक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रैप किया गया। एसीबी की टीम ने इस कार्रवाई के दौरान ठोस सबूत जुटाए और डॉक्टर को पकड़कर न्यायालय में पेश किया।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए शिकायतों की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्यभर में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा डालता है, बल्कि आम नागरिकों का भरोसा भी कम करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई से अधिकारियों में डर पैदा होता है और भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति कम होती है।
स्थानीय नागरिकों ने एसीबी की इस कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि इससे आम लोगों के लिए योजनाओं और सरकारी सुविधाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा। उन्होंने सरकार और एसीबी से अपील की कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी स्तर पर किसी को बख्शा न जाए।
एसीबी की टीम ने कहा कि यह कार्रवाई चेतावनी के रूप में है कि सरकारी पद का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि किसी भी भ्रष्टाचार की जानकारी तुरंत एसीबी को दें। उन्होंने कहा कि यह न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत बनाएगा, बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में मदद करेगा।
राजस्थान में एसीबी की लगातार सक्रियता यह दिखाती है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है। जालोर में हुई यह गिरफ्तारी यह संदेश देती है कि चाहे कोई भी अधिकारी कितना भी बड़ा क्यों न हो, नियम और कानून सभी के लिए समान हैं।
इस प्रकार की कार्रवाई से आम जनता का विश्वास बढ़ता है और यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। एसीबी की सतर्कता और तेज कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी हथियार साबित हो रही है।
राजस्थान के नागरिकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज़ी से जारी है और दोषियों को कानून के कटघरे में लाने का काम लगातार किया जा रहा है।