PPF खाते से चाहते हैं सबसे ज्यादा ब्याज? तो जान लें महीने की '5 तारीख' का यह सीक्रेट नियम
Newsindialive Hindi August 20, 2025 04:42 PM

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)...यह नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक सुरक्षित,टैक्स-फ्री और गारंटीड रिटर्न वाले निवेश की तस्वीर उभरती है। यह भारत के सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद लॉन्ग-टर्म सेविंग स्कीम्स में से एकहैं,खासकर उन लोगों के लिए जो अपने रिटायरमेंट,बच्चों की पढ़ाई या किसी बड़े लक्ष्य के लिए पैसा जमा करना चाहते हैं। सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं होता,और इसका ब्याज,मैच्योरिटी और यहां तक कि निवेश भी पूरी तरह से टैक्स-फ्री (EEE-Exempt-Exempt-Exempt) होता हैं।लेकिन क्या आप जानते हैं किPPFमें पैसा जमा करने के समय में सिर्फ कुछ दिनों का हेरफेर करके आप अपने फाइनल रिटर्न में हजारों,और लंबी अवधि में लाखों रुपये का अतिरिक्त फायदा कमा सकते हैं?जी हां,इसका सारा राज छिपाहैंहर महीने की5तारीखमें।90%से ज़्यादाPPFखाताधारक इस छोटे लेकिन बेहद महत्वपूर्ण नियम के बारे में नहीं जानते और हर साल मिलने वाले अतिरिक्त ब्याज से चूक जाते हैं।तो चलिए,आज PPFके इसी'5तारीख वाले नियम'के रहस्य से पर्दा उठाते हैं,जिसे जानकर आप भी अपनी मेहनत की कमाई पर सबसे ज़्यादा रिटर्न पा सकते हैं।PPFमें ब्याज की गणना कैसे होती है? (The Calculation Secret)इस नियम को समझने के लिए,सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है किPPFखाते में ब्याज की गणना आखिर होती कैसे है।ब्याज दर: PPFपर ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही (every quarter)में तय की जातीਹੈ।मासिक गणना,वार्षिक क्रेडिट:हालांकि ब्याज आपके खाते में हर साल31मार्चको क्रेडिट किया जाता है,लेकिन इसकी गणनाहर महीनेकी जाती है।सबसे महत्वपूर्ण नियम: PPFमें ब्याज की गणनामहीने की5तारीख से लेकर महीने की आखिरी तारीखके बीच मौजूदन्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance)पर की जाती है।क्या है यह जादुई'5तारीख का नियम'? (The 5th of the Month Rule)अब आताਹੈखेल का असली हिस्सा। जैसा कि ऊपर बताया गया है,ब्याज की गणना महीने की5तारीख से महीने के अंत तक के सबसे कम बैलेंस पर होतीहैं।इसका सीधा सा मतलब यह है कि अगर आप अपने PPFखाते में महीने की5तारीख के बाद पैसा जमा करते हैं,तो उस महीने के लिए आपको उस जमा की गई राशि परकोई भी ब्याज नहीं मिलेगा। उस पैसे पर ब्याज की गणना अगले महीने की5तारीख से शुरू होगी।चलिए एक उदाहरण से समझते हैं:मान लीजिए,आपके PPFखाते में30अप्रैल को1,00,000रुपये थे। अब मई महीने के लिए दो स्थितियां हो सकती हैं:केस1:आपने ₹50,000महीने की6तारीख को जमा किए1 मई से5मई तक आपका बैलेंस:₹1,00,0006 मई को जमा:₹50,0006 मई से31मई तक आपका बैलेंस:₹1,50,000गणना के लिए न्यूनतम बैलेंस:अब, जब मई महीने के ब्याज की गणना होगी,तो सिस्टम5मई से31मई के बीच का सबसे कम बैलेंस देखेगा, जो कि₹1,00,000ही था (क्योंकि₹50,000तो 5तारीख के बाद जमा हुए)।नतीजा:आपको मई महीने के लिए सिर्फ1लाख रुपये पर ही ब्याज मिलेगा। आपके जमा किए गए50हजार रुपये पर आपको एक महीने का ब्याज नहीं मिलेगा।केस2:आपने ₹50,000महीने की5तारीख को (या उससे पहले) जमा किए1 मई से4मई तक आपका बैलेंस:₹1,00,0005 मई को जमा:₹50,0005 मई से31मई तक आपका बैलेंस:₹1,50,000गणना के लिए न्यूनतम बैलेंस:अब, जब मई महीने के ब्याज की गणना होगी,तो सिस्टम5मई से31मई के बीच का सबसे कम बैलेंस देखेगा, जो कि₹1,50,000है।नतीजा:आपको मई महीने के लिए पूरे1.5लाख रुपये पर ब्याज मिलेगा!लंबी अवधि में कितना बड़ा फर्क पड़ता है?आपको लग सकताहैं कि एक महीने के ब्याज से क्या ही फर्क पड़ेगा। लेकिन याद रखें, PPFएक लंबी अवधि का निवेश है और यहां'चक्रवृद्धि ब्याज'यानीकंपाउंडिंग (Compounding)का जादू काम करता है।छोटी-छोटी रकम जो आप हर महीने अतिरिक्त ब्याज के रूप में कमातेहैंउस पर भी आगे चलकर आपको ब्याज मिलता है।15 या 20साल की अवधि में,सिर्फ इस एक आदत को अपनाने से आपके फाइनल फंड मेंलाखों रुपयेका अंतर आ सकता है।क्या है आपके लिए स्मार्ट एक्शन प्लान?अगर आप अपनेPPFनिवेश से अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं,तो इन गोल्डन रूल्स को हमेशा याद रखें:5तारीख की डेडलाइन:हमेशा यह नियम बना लें कि आपको अपनेPPFखाते में पैसाहर महीने की1से 5तारीख के बीचही जमा करना है। अगर आप मासिक निवेश करते हैं,तो अपनीSIPया स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन की तारीख5 से पहले की सेट करें।साल की शुरुआत में करें निवेश:अगर आप साल में एक बार एकमुश्त (lump sum)राशि जमा करते हैं,तो उसे साल के अंत (मार्च) में जमा करने के बजाय,नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही1अप्रैल से5अप्रैल के बीचजमा कर दें। ऐसा करने से आपको उस पूरी राशि पर पूरे12महीनों का ब्याज मिलेगा।यह एक छोटा सा अनुशासन है,लेकिन यह आपके भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा और फायदेमंद कदम साबित होगा।
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